ऑपरेशन सिंदूर के चलते खून के आंसू रो रहे आतंकी मसूद अजहर को भारत ने 1999 में क्यों छोड़ दिया था?
Operation Sindoor: भारतीय सशस्त्र बलों ने बुधवार को पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर में आतंकी बुनियादी ढांचे पर मिसाइल हमला करके आतंकिस्तान को तबाह किया.
Operation Sindoor: भारत ने 6 और 7 मई की रात ऑपरेशन सिंदूर चलाकर पाकिस्तान में मौजूद आतंकियों के 9 ठिकाने बर्बाद कर दिए हैं. भारत की एयरस्ट्राइक में जैश-ए-मोहम्मद के सरगना आतंकी मसूद अजहर के परिवार के 10 लोगों की मौत हुई है. मसूद अजहर भारत का सबसे बड़ा मोस्ट वांटेड आतंकी है. इसे 1999 में भारत को मजबूरन छोड़ना करना पड़ा था. आइए जानते हैं कि आखिर मसूद को भारत ने आखिर क्यों छोड़ा था और उसके पीछे की कहानी क्या है.
जैश-ए-मोहम्मद ने बुधवार को एक बयान जारी करके कहा कि भारत के हमले में मसूद अजहर की बड़ी बहन और उसके पति, मसूद का भांजा और उसकी पत्नी मारे गए हैं. इसके साथ मसूद के परिवार के 5 बच्चे भी मारे गए हैं.
1999 में भारत क्यों आतंकी मसूद अजहर को करना पड़ा था रिहा
24 दिसंबर 1999 को आतंकियों ने भारत की इंडियन एयरलाइंस के प्लेन IC-814 को हाईजैक कर लिया था. इस प्लेन में 191 लोग सवार थे. आतंकी इस प्लेन में बैठे यात्रियों के बदले मसूद अजहर समेत 3 आतंकियों को छोड़ने की मांग की थी.
आतंकी मसूद अजहर का जन्म 10 जुलाई 1968 को पाकिस्तान के बहावलपुर में हुआ था. उसके पिता एक सरकारी टीचर थे. भारत ने साल 2024 में मोस्ट वांटेड लोगों की एक सूची जारी की थी. इस सूची में आतंकी मसूद नंबर वन पर है. भारत में मसूद अजहर ने कई आतंकी हमलों को अंजाम दिया है. 2001 में हुए संसद हमलों में भी उसका हाथ था. उसके ऊपर पुलवामा की साजिश रचने का भी आरोप है. यह आतंकी एक समय भारत की कैद में था लेकिन 1999 में कुछ ऐसा हुआ था कि भारत को इसे छोड़ना पड़ा था.
1999 में कंधार हाई जैक के बाद भारत को मजबूरन मसूद अजहर को छोड़ना पड़ा था. कंधार हाईजैक करने वाले आतंकियों ने प्लेन को छोड़ने के लिए तीन आतंकियों को छोड़ने की बात कही थी. उस दौरान भारत के तत्कालीन विदेश मंत्री रहे जसवंत सिन्हा मसूद अजहर को लेकर कंधार गए थे. यही वो साल था जब भारत ने इस आतंकी को छोड़ा था और फिर उस दिन के बाद यह आतंकी कभी भी भारत के हाथ नहीं लगा.
भाषण के जरिए युवाओं का करता है ब्रेन वॉश
भारत ने आतंकी मसूद अजहर को 10 फरवरी 1994 को गिरफ्तार किया था. लेकिन गिरफ्तारी के 5 साल बाद उसे छोड़ना पड़ा. आतंकी मसूद अजहर अपने जहरीले भाषण के जरिए नौजवानों में भारत के खिलाफ जहर भरता है. वह अपने भाषण के जरिए यूथ का ब्रेनवाश करता और भारत के खिलाफ उन्हें भड़काता है.
बहावलपुर में जैश-ए-मोहम्मद का मुख्यालय
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के बहावलपुर में मसूद अजहर का मुख्याला था. भारत के 9 हिट लिस्ट में बहावलपुर भी शामिल था. इसी वजह से भारत ने पाकिस्तान की सीमा में घुसकर इसके अड्डे को तबाह किया. पाकिस्तान से भारत ने मसूद अजहर को सौंपने के लिए कई बार कहा है. लेकिन पाकिस्तान ने मसूद को भारत को नहीं सौंपा.
भारत इस आतंकी को लंबे अरसे से आतंकी संगठनों की सूची में शामिल करने की मांग कर रहा था लेकिन हर बार चीन अपनी वीटो का इस्तेमाल करके इसे बचा लेता था. लेकिन 2019 में अंत: पुलवामा हमले के बाद संयुक्त राष्ट्र ने मसूद अजहर के संगठन जैशे-ए-मोहम्मद को आतंकी सगंठन घोषित कर दिया था.
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