कौन हैं नेपाल के आर्मी चीफ अशोक राज सिग्देल? जिनको मिली नेपाल को शांत करने की जिम्मेदारी!
नेपाल में सालों के सबसे बुरे राजनीतिक संकट के बीच, सेना प्रमुख जनरल अशोक राज सिगडेल एक प्रमुख व्यक्ति के रूप में उभरे हैं जो इस हिमालयी राष्ट्र को एकजुट बनाए हुए हैं. जनरल सिगडेल ने युवा प्रदर्शनकारियों से बातचीत की और घातक झड़पों के बाद व्यवस्था बहाल करने के लिए त्वरित कार्रवाई की.
नेपाल इन दिनों अपने सबसे गहरे राजनीतिक संकट से जूझ रहा है. हिंसक प्रदर्शनों ने शासन की नींव को हिला दिया है. 8 सितंबर को प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के इस्तीफे ने काठमांडू में सत्ता का शून्य पैदा कर दिया. इस अस्थिरता के बीच नेपाल सेना ने कानून-व्यवस्था संभालने की जिम्मेदारी ली है.
रिपोर्ट के मुताबिक, नेपाल सेना प्रमुख जनरल अशोक राज सिग्देल ने देशवासियों से शांति बनाए रखने की अपील की है. उन्होंने युवा प्रदर्शनकारियों से हिंसा के बजाय संवाद का रास्ता अपनाने का आग्रह किया और कहा, "सेना नागरिकों की जान, सम्मान और संपत्ति की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है." अपने टेलीविजन संबोधन में सिग्देल ने नेपाल की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने और जनता के साथ-साथ राजनयिक मिशनों की सुरक्षा सुनिश्चित करने पर जोर दिया.
प्रदर्शनों में हिंसा और अराजकता
रिपोर्ट्स के अनुसार, जनरल सिग्देल ने ही ओली को और खूनखराबे से बचने के लिए इस्तीफा देने की सलाह दी थी. प्रदर्शनों के शुरुआती चरण में कम से कम 20 लोगों की जान गई थी. गुरुवार को नेपाल सेना मुख्यालय के बाहर अराजकता तब और बढ़ गई, जब जेन-जेड प्रदर्शनकारी आपस में भिड़ गए. ये प्रदर्शनकारी, जो दशकों में नेपाल के सबसे बड़े विरोध प्रदर्शनों का नेतृत्व कर रहे हैं, अंतरिम नेता चुनने के लिए चर्चा कर रहे थे. रॉयटर्स के अनुसार, प्रदर्शनकारी सेना के साथ अंतरिम नेतृत्व पर बातचीत कर रहे हैं.
जानें कौन हैं नेपाल सेना प्रमुख जनरल अशोक राज सिग्देल?
1 फरवरी, 1967 को लुंबिनी प्रांत के रुपंदेही जिले में जन्मे जनरल अशोक राज सिग्देल ने 1986 में नेपाल सेना में शामिल होने के बाद 1987 में 25वें बेसिक कोर्स में टॉप करके कमीशन प्राप्त किया. सेना में शामिल होने से पहले वह राष्ट्रीय स्तर के मुक्केबाज थे और ताइक्वांडो व टेबल टेनिस में भी निपुण थे. सिग्देल ने त्रिभुवन विश्वविद्यालय से एमए और चीन के नेशनल डिफेंस यूनिवर्सिटी से स्ट्रैटेजिक स्टडीज में मास्टर्स किया. उन्होंने भारत के सिकंदराबाद में डिफेंस मैनेजमेंट कोर्स और नेपाल में नागरकोट व आर्मी कमांड एंड स्टाफ कॉलेज से प्रशिक्षण लिया.
जनरल अशोक राज सिग्देल का कैसा रहा करियर!
सिग्देल ने युगोस्लाविया, ताजिकिस्तान और लाइबेरिया में संयुक्त राष्ट्र मिशनों में शांति सेना के रूप में सेवा दी. उन्हें नेपाल सरकार द्वारा सुप्रबल जनसेवाश्री तृतीय और दो सीओएएस प्रशंसा बैज से सम्मानित किया गया. 2023 में लेफ्टिनेंट जनरल के पद पर पदोन्नति के बाद वह 2024 में नेपाल सेना के 45वें प्रमुख बने.
2024 में भारत दौरे के दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें भारतीय सेना के मानद जनरल का रैंक प्रदान किया. राष्ट्रपति कार्यालय के बयान के अनुसार, यह सम्मान उनकी सैन्य कुशलता और भारत-नेपाल के मैत्रीपूर्ण संबंधों को बढ़ाने में उनके योगदान के लिए दिया गया. भारत और नेपाल के सेना प्रमुखों को 1950 से मानद जनरल की उपाधि देने की परंपरा रही है.
सिग्देल की नेतृत्व यात्रा
सिग्देल ने बटालियन, ब्रिगेड और डिवीजन कमांडर के रूप में सेवा दी. वह मिलिट्री ऑपरेशंस के निदेशक, इंस्पेक्टर जनरल, स्टाफ ड्यूटी के डीजी और सेना प्रमुख के सैन्य सहायक रहे. उन्होंने काउंटरइंसर्जेंसी एंड जंगल वॉरफेयर स्कूल का नेतृत्व किया और 2019 में कोविड संकट प्रबंधन केंद्र का संचालन किया. 2022 में उन्होंने अमेरिका-नेपाल लैंड फोर्स टॉक्स में नेपाल का प्रतिनिधित्व किया.
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