बांग्लादेश में आगामी आम चुनावों से पहले राजधानी ढाका और अन्य इलाकों में राजनीतिक हिंसा की घटनाएं चिंता बढ़ा रही हैं. हाल के दिनों में दो अलग-अलग हमलों ने देश की सियासत को झकझोर दिया है. एक ओर एक राजनीतिक कार्यकर्ता पर हमला हुआ, वहीं दूसरी ओर छात्र आंदोलन से उभरे एक चर्चित नेता की गोली लगने से मौत हो गई. इन घटनाओं ने चुनावी सुरक्षा और लोकतांत्रिक माहौल पर बहस तेज कर दी है.
सोमवार को मोटालेब सिकदर नाम के एक राजनीतिक कार्यकर्ता को गोली मार दी गई. पुलिस अधिकारियों के अनुसार, मोटालेब पर हुए हमले में गोली उसके कान के एक हिस्से से प्रवेश कर त्वचा को चीरते हुए दूसरे हिस्से से बाहर निकल गई. डॉक्टरों का हवाला देते हुए अधिकारी ने बताया कि मोटालेब अब खतरे से बाहर है और उसकी हालत स्थिर है.
मोटालेब सिकदर नेशनल सिटिजन पार्टी का खालना डिवीजन प्रमुख है. इसके साथ ही वह पार्टी के वर्कर्स फ्रंट के केंद्रीय समन्वयक की जिम्मेदारी भी संभालता है. पार्टी के भीतर उसे जमीनी संगठन मजबूत करने वाला नेता माना जाता है, जिनकी खालना क्षेत्र में अच्छी पकड़ है.
पार्टी की ओर से जारी जानकारी के मुताबिक, 42 वर्षीय मोटालेब सिकदर वर्ष 2004 के हिंसक छात्र-नेतृत्व वाले आंदोलन का अहम हिस्सा रहा है. उस दौर में उभरे कई नेता बाद में बांग्लादेश की सक्रिय राजनीति में सामने आए. सिकदर को उसी पीढ़ी का प्रतिनिधि माना जाता है.
स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, बदमाशों ने सिकगर को सुबह करीब 11:45 बजे खालना शहर में गोली मारी, हमला गाजी मेडिकल कॉलेज अस्पताल के पास किया गया, जहां हमलावरों ने सीधे सिकदर के सिर को निशाना बनाया. घटना के बाद इलाके में अफरा-तफरी मच गई.
घटना के तुरंत बाद मोटालेब को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया. चिकित्सकों ने बताया कि गोली किसी महत्वपूर्ण अंग को नुकसान पहुंचाए बिना निकल गई. पुलिस ने मौके से साक्ष्य जुटाए हैं और हमलावरों की पहचान के लिए जांच तेज कर दी गई है.
यह हमला उस घटना के कुछ ही दिनों बाद हुआ है, जिसमें शरिफ उस्मान हादी को गोली मारी गई थी. हादी पिछले साल हुए छात्र-नेतृत्व वाले प्रदर्शनों के प्रमुख नेताओं में शामिल था, जिन आंदोलनों के बाद शेख हसीना के नेतृत्व वाली अवामी लीग सरकार सत्ता से बाहर हुई थी.
12 दिसंबर को ढाका के बिजयनगर इलाके में एक चुनावी अभियान के दौरान नकाबपोश बंदूकधारियों ने हादी के सिर में गोली मार दी थी. गंभीर हालत में उन्हें सिंगापुर ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान गुरुवार को उसकी मौत हो गई.
32 वर्षीय हादी इनकिलाब मंच का प्रवक्ता था और 12 फरवरी को होने वाले आम चुनावों का उम्मीदवार भी था. उसकी हत्या और हालिया हमलों ने चुनाव से पहले सुरक्षा व्यवस्था, अभिव्यक्ति की आजादी और राजनीतिक स्थिरता को लेकर नई चिंताएं खड़ी कर दी हैं.