भगवान विष्णु की100 फीट ऊंची प्रतिमा पर चलाया बुलडोजर? VIDEO आया सामने

दोनों देशों की सेनाओं के बीच गोलीबारी हवाई हमले और रॉकेट ने न केवल सैन्य हानि पहुंचाई है बल्कि आम नागरिकों की जान भी खतरे में डाल दी है.

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Gyanendra Sharma

नई दिल्ली: दक्षिण-पूर्व एशिया के दो पड़ोसी देश थाईलैंड और कंबोडिया के बीच लंबे समय से चला आ रहा सीमा विवाद एक बार फिर उग्र रूप ले चुका है. प्राचीन प्रेह विहार मंदिर और उसके आसपास के क्षेत्र को लेकर वर्षों से चल रहा यह संघर्ष 2025 में और भयावह हो गया है. 

दोनों देशों की सेनाओं के बीच गोलीबारी, हवाई हमले और रॉकेट ने न केवल सैन्य हानि पहुंचाई है बल्कि आम नागरिकों की जान भी खतरे में डाल दी है. इस संघर्ष की सबसे दुखद पहलू यह है कि क्षेत्रीय महत्वाकांक्षा के चलते सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत को भी नुकसान पहुंचाया जा रहा है.

प्रतिमा को बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया

हालिया रिपोर्टों के अनुसार, विवादित सीमा क्षेत्र में थाई सेना पर आरोप लगा है कि उन्होंने कंबोडिया की सीमा के निकट एक विशाल हिंदू देवता विष्णु की प्रतिमा को बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया. यह प्रतिमा 2014 में स्थापित की गई थी और प्रेह विहार प्रांत के अन सेस क्षेत्र में स्थित थी. कंबोडियाई अधिकारियों का दावा है कि यह मूर्ति उनकी संप्रभु भूमि पर थी तथा थाईलैंड की सीमा से मात्र 100 मीटर दूर. हालांकि, कुछ स्रोतों के अनुसार स्थान सीमा रेखा से करीब 400 मीटर दूर था. इस घटना की वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुई, जिसमें एक खुदाई मशीन से मूर्ति को गिराते दिखाया गया.

कंबोडियाई सरकार के प्रवक्ता किम चानपन्हा ने इसकी कड़ी निंदा की और इसे प्राचीन मंदिरों तथा धार्मिक प्रतीकों के खिलाफ हमला बताया. उनका कहना है कि यह कार्य बौद्ध और हिंदू अनुयायियों की भावनाओं का अपमान है. दोनों देश मुख्य रूप से बौद्ध धर्मावलंबी हैं, लेकिन उनकी सांस्कृतिक जड़ें हिंदू परंपराओं से जुड़ी हुई हैं. थाईलैंड में विष्णु और रामायण से जुड़े प्रतीक व्यापक रूप से पूजे जाते हैं जबकि कंबोडिया में ख्मेर साम्राज्य की हिंदू विरासत स्पष्ट दिखती है.

दूसरी ओर थाई पक्ष का तर्क है कि यह मूर्ति अवैध रूप से विवादित क्षेत्र में बनाई गई थी और इसे हटाना क्षेत्रीय दावे को मजबूत करने का हिस्सा था न कि धार्मिक विद्वेष. थाई सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं ने इसे अवैध अतिक्रमण की सफाई बताया. फिर भी, इस घटना ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चिंता बढ़ा दी है, खासकर हिंदू समुदायों में जहां इसे सांस्कृतिक विरासत पर हमले के रूप में देखा जा रहा है.

दर्जनों लोग मारे गए और लाखों विस्थापित

यह विवाद कोई नया नहीं है. 11वीं शताब्दी में निर्मित प्रेह विहार मंदिर (भगवान शिव को समर्पित) यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है. 1962 में अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने मंदिर को कंबोडिया का हिस्सा घोषित किया लेकिन आसपास के क्षेत्र पर दावे आज भी बने हुए हैं. 2008 और 2011 में भी इसी मुद्दे पर झड़पें हुई थीं. 2025 में मई से शुरू हुए तनाव ने जुलाई में पूर्ण संघर्ष का रूप ले लिया जिसमें दर्जनों लोग मारे गए और लाखों विस्थापित हुए. दिसंबर में फिर भड़के संघर्ष में विष्णु मूर्ति का ध्वस्तीकरण एक नया और संवेदनशील मोड़ है.