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यूनुस का हादी प्रेम, जनाजे पर किया गुणगान, उधर सहयोगी ने दिया 24 घंटे का अल्टीमेटम

बांग्लादेश के छात्र नेता उस्मान हादी की मौत के बाद सियासी तनाव बढ़ गया है. पूर्व मंत्री ने अंदरूनी साजिश का दावा किया है. ढाका में भारी भीड़ के बीच अंतिम संस्कार हुआ और सरकार को हत्यारों पर कार्रवाई का अल्टीमेटम दिया गया है.

Kanhaiya Kumar Jha
osman Hadi & Md Yunus India Daily
Courtesy: Social Media

नई दिल्ली: बांग्लादेश के चर्चित छात्र नेता उस्मान हादी की मौत को लेकर सियासत तेज हो गई है. शेख हसीना सरकार में मंत्री रह चुके मोहिबुल हसन चौधरी ने बड़ा दावा करते हुए कहा है कि हादी को गोली किसी बाहरी ने नहीं बल्कि उसके ही करीबी ने मारी थी. उनके अनुसार, गोली चलाने वाला हादी के हथियारबंद गैंग से जुड़ा व्यक्ति था. चौधरी ने यह भी आरोप लगाया कि इस हिंसा के पीछे अंतरिम सरकार के दो बड़े राजनीतिक उद्देश्य हैं.

मोहिबुल हसन चौधरी ने दावा किया कि मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार 12 फरवरी को प्रस्तावित आम चुनाव को टालना चाहती है. साथ ही उनका आरोप है कि सरकार शेख हसीना की पार्टी आवामी लीग से जुड़े कार्यकर्ताओं और नेताओं को राजनीतिक रूप से समाप्त करने की रणनीति पर काम कर रही है. हादी की हत्या को उन्होंने इसी साजिश का हिस्सा बताया.

ढाका यूनिवर्सिटी में अंतिम विदाई, उमड़ी भारी भीड़

शनिवार को ढाका यूनिवर्सिटी परिसर में उस्मान हादी को सुपुर्द-ए-खाक किया गया. इस दौरान लाखों की संख्या में लोग मौजूद रहे. संसद के दक्षिणी प्लाजा में नमाज-ए-जनाजा अदा की गई. जनाजे में अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस भी शामिल हुए. अंतिम संस्कार के बाद ढाका यूनिवर्सिटी और आसपास के इलाकों में तनाव की स्थिति बनी हुई है.

मोहम्मद यूनुस का भावुक संबोधन

जनाजे के दौरान मोहम्मद यूनुस ने भावुक शब्दों में हादी को श्रद्धांजलि दी. उन्होंने कहा कि हजारों लोग यहां मौजूद हैं और देश ही नहीं, विदेशों में बसे बांग्लादेशी भी हादी के बारे में जानने को उत्सुक हैं. यूनुस ने कहा कि हादी ने विनम्रता, गरिमा और लोकतांत्रिक तरीके से राजनीति करने का रास्ता दिखाया. उन्होंने यह भी कहा कि हादी का उदाहरण बांग्लादेश की राजनीतिक संस्कृति को नई दिशा देगा.

सरकार को 24 घंटे का अल्टीमेटम

इंकलाब मंच से जुड़े हादी के सहयोगी अब्दुल्ल अल जबेर ने यूनुस सरकार को 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया है. उन्होंने मांग की कि सरकार सार्वजनिक रूप से यह बताए कि हादी की हत्या के जिम्मेदार कौन हैं और अब तक उनकी गिरफ्तारी के लिए क्या कदम उठाए गए हैं. संगठन ने चेतावनी दी है कि जवाब न मिलने पर आंदोलन तेज किया जाएगा.

कट्टरपंथी पहचान और विवादित बयान

32 वर्षीय उस्मान हादी शेख हसीना विरोधी आंदोलन का प्रमुख चेहरा रहे थे. वह इंकलाब मंच के प्रवक्ता थे और आगामी आम चुनाव में ढाका से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर प्रचार कर रहे थे. इंकलाब मंच पिछले साल जुलाई विद्रोह के दौरान चर्चा में आया था, जिसके बाद शेख हसीना को सत्ता छोड़नी पड़ी थी. यह संगठन कट्टरपंथी विचारधारा के लिए जाना जाता है और आवामी लीग के खात्मे की खुली बात करता रहा है.

भारत विरोधी रुख से भी रहे विवादों में

हादी की पहचान एक कट्टर भारत विरोधी नेता के रूप में भी रही. वह अपने भड़काऊ बयानों और विवादित दावों के कारण सुर्खियों में रहते थे. कुछ दिन पहले ही उन्होंने तथाकथित ग्रेटर बांग्लादेश का नक्शा जारी किया था, जिसमें भारत के कुछ हिस्सों को बांग्लादेश का बताया गया था.

अस्थिर हालात और बढ़ती आशंका

बांग्लादेश में अगले साल फरवरी में आम चुनाव होने हैं, लेकिन उससे पहले ही राजनीतिक हालात अस्थिर नजर आ रहे हैं. शेख हसीना की पार्टी सत्ता से बाहर है, खालिदा जिया गंभीर रूप से बीमार हैं और विपक्ष बिखरा हुआ है. ऐसे में हादी की मौत के बाद कट्टरपंथी और उपद्रवी तत्वों के सड़कों पर उतरने और सत्ता पर पकड़ बनाने की आशंका गहराती जा रही है.