नई दिल्ली: दुबई एयर शो 2025 में भारतीय वायुसेना के विंग कमांडर नमांश स्याल की तेजस विमान दुर्घटना में मौत के बाद पूरा भारत शोक में डूबा है. इस बीच अमेरिकी वायुसेना के पायलट मेजर टेलर ‘फीमा’ हीस्टर ने शो आयोजकों पर कड़ा सवाल उठाया है.
उन्होंने कहा कि इतने बड़े हादसे के बाद भी एयरशो को जारी रखना उन्हें असहज लगा. हीस्टर और उनकी टीम ने पायलट की शहादत का सम्मान करते हुए अपना अंतिम प्रदर्शन रद्द कर दिया.
दुबई एयरशो में तेजस दुर्घटना के बाद अमेरिकी वायुसेना के मेजर टेलर ‘फीमा’ हीस्टर हैरान रह गए जब उन्हें बताया गया कि कार्यक्रम बिना रुके जारी रहेगा. उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि उन्हें उम्मीद थी कि हादसे के बाद शो स्थल शांत होगा, लेकिन वहां सामान्य माहौल देखकर वे बेहद असहज हुए. उन्होंने कहा कि यह फैसला उनके लिए 'अकल्पनीय और चौंकाने वाला' था
हीस्टर, जो F-16 वाइपर डेमो टीम के कमांडर हैं, ने बताया कि उनकी टीम और कुछ अन्य दलों ने तुरंत फैसला किया कि वे अपना आखिरी प्रदर्शन रद्द करेंगे. उन्होंने कहा कि प्रदर्शन जारी रखना भारतीय पायलट और उनके परिवार के प्रति ‘अनादर’ होता. उनकी पोस्ट ने दुनियाभर के एविएशन समुदाय का ध्यान खींचा और संवेदनाओं की बौछार हुई.
विंग कमांडर नमांश स्याल शुक्रवार को तेजस की एरोबेटिक डेमो के दौरान हादसे का शिकार हो गए. हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड द्वारा विकसित यह स्वदेशी मल्टी-रोल लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट दुबई के अल-मकतूम एयरपोर्ट पर अभ्यास के दौरान जमीन से टकराकर आग की लपटों में घिर गया. स्याल समय रहते इजेक्ट नहीं कर सके और मौके पर ही उनकी मौत हो गई. दृश्य इतने भयावह थे कि वीडियो पूरे विश्व में वायरल हो गया.
हीस्टर ने बताया कि हादसे के बाद उद्घोषक उत्साहित अंदाज में अगला प्रदर्शन घोषित करता रहा और दर्शक भी नई प्रस्तुतियों को सामान्य रूप से देखते रहे. उन्होंने कहा कि यह सोचकर ही रोंगटे खड़े हो गए कि अगर भविष्य में उनके साथ कुछ ऐसा हो जाए तो क्या उन्हें भी ऐसे ही नजरअंदाज कर दिया जाएगा. उनकी यह टिप्पणी सोशल मीडिया पर तेज बहस का विषय बन गई.
रविवार को विंग कमांडर स्याल के पार्थिव शरीर को तमिलनाडु के सूलूर एयरबेस लाया गया, जहां पूर्ण सैन्य सम्मान के साथ उन्हें सलामी दी गई. इसके बाद उनका पार्थिव शरीर हिमाचल प्रदेश स्थित पैतृक गांव पातियालकर ले जाया गया. अंतिम संस्कार के दौरान उनकी पत्नी विंग कमांडर अफशां अपनी छह वर्षीय बेटी को संभालते हुए अंतिम सलामी दे रही थीं. स्याल के चचेरे भाई निशांत ने अंतिम संस्कार की क्रिया पूरी की. गांव और सेना दोनों में शोक और गर्व की मिश्रित भावनाएं दिखाई दीं.