अमेरिका ने लिया बदला, सीरिया में इस्लामिक स्टेट के दर्जनों ठिकानों पर किए हवाई हमले

अमेरिका ने सेंट्रल सीरिया में इस्लामिक स्टेट के कई ठिकानों पर हवाई हमले किए. यह हमला उस अटैक के जवाब में किया गया है, जो अमेरिकी कर्मियों पर हाल ही में किए गए थे.

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Shilpa Srivastava

नई दिल्ली: संयुक्त राज्य अमेरिका ने सेंट्रल सीरिया में इस्लामिक स्टेट के कई ठिकानों पर हवाई हमले किए. अमेरिकी अधिकारियों ने बताया कि ये हमले उस हमले के जवाब में किए गए जो अमेरिकी कर्मियों पर हाल ही में किए गए थे. अमेरिकी सरकार ने कहा कि इन हवाई हमलों का मकसद ISIS को सजा देना था.

अमेरिकी रक्षा सचिव पीट हेगसेथ ने पुष्टि कर बताया है कि हमलों में ISIS लड़ाकों, उनकी इमारतों और उनके हथियार रखने की जगहों को निशाना बनाया गया. इस सैन्य अभियान का नाम ऑपरेशन हॉकआई स्ट्राइक रखा गया था. हेगसेथ ने चेतावनी देते हुए कहा है कि यह आखिरी बार नहीं है, जरूरत पड़ने पर और भी हमले किए जा सकते हैं. 

ISIS से बदला लेना था हमले का मकसद: हेगसेथ

इसके अलावा हेगसेथ ने कहा कि अमेरिका कोई नया युद्ध शुरू नहीं कर रहा है. ये हमले ISIS से बदला लेने के लिए थे. उन्होंने कहा कि अमेरिकी सेना ने अपने कई दुश्मनों को ढूंढकर मार गिराया है और अमेरिकी लोगों की जान बचाने के लिए ऐसा करना जारी रखेगी. अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि सेंट्रल सीरिया में ISIS के दर्जनों ठिकानों को निशाना बनाया गया. एक अन्य अधिकारी ने बताया कि इस ऑपरेशन में शक्तिशाली सैन्य विमानों का इस्तेमाल किया गया. इनमें F-15 फाइटर जेट, A-10 अटैक प्लेन और अपाचे हेलीकॉप्टर शामिल थे. 

बता दें कि ये हवाई हमले पिछले वीकेंड पल्मायरा शहर के पास सीरियाई रेगिस्तान में हुए हमले के बाद किए गए थे. उस हमले में अमेरिकी सेना के दो सैनिक और एक नागरिक इंटेप्रेटर मारे गए थे. तीन अन्य अमेरिकी सैनिक घायल हो गए थे. अमेरिकी सेना के अनुसार, हमलावर ने अमेरिकी और सीरियाई बलों के एक समूह को निशाना बनाया था जो एक साथ यात्रा कर रहे थे. हमलावर को बाद में गोली मारकर मार दी गई थी.

मारे गए सैनिकों की हुई पहचान:

अमेरिकी सेना ने बाद में मारे गए दो सैनिकों के नाम बताए. वे सार्जेंट एडगर ब्रायन टोरेस-टोवर, 25, डेस मोइनेस से, और सार्जेंट विलियम नथानिएल हॉवर्ड, 29, मार्शलटाउन से थे. दोनों सैनिक आयोवा नेशनल गार्ड के सदस्य थे. मारे गए नागरिक इंटप्रेटर की पहचान मैकोम्ब, मिशिगन के अयाद मंसूर साकात के रूप में हुई. वह अनुवाद और संचार में सहायता करके अमेरिकी बलों की मदद कर रहा था.