menu-icon
India Daily

यूक्रेन ने रूस पर बड़े पैमाने पर किए ड्रोन हमले; बदले में कीव के पावर ग्रिड पर पड़ा इसका असर; बिजली हुई गुल

यूक्रेन ने रूस और क्रीमिया पर बड़े पैमाने पर ड्रोन हमले किए जिससे कई एयर डिफेंस सिस्टम प्रभावित हुए. बदले में रूस ने कीव की ऊर्जा संरचना पर हमला किया जिससे शहर की बिजली व्यवस्था पर बड़ा असर पड़ा.

auth-image
Edited By: Km Jaya
Ukraine Drone Strike India daily
Courtesy: @Recon_surv x account

नई दिल्ली: यूक्रेन और रूस के बीच जारी संघर्ष एक बार फिर तीखे मोड़ पर पहुंच गया है. मंगलवार को यूक्रेन ने दक्षिण पश्चिमी रूस और क्रीमिया पर बड़े पैमाने पर ड्रोन हमले किए. स्थानीय रिपोर्टों और वीडियो फुटेज से संकेत मिला है कि नोवोरोस्सिय्स्क और क्रास्नोडार क्राय में कई रूसी एयर डिफेंस सिस्टम इन हमलों के दबाव में कमजोर पड़ गए. क्रास्नोडार क्राय के गवर्नर ने इस हमले को लगातार और बेहद बड़ा हमला बताया है. 

उनके मुताबिक यह ड्रोन अटैक कई चरणों में किया गया और इसे रोकना मुश्किल साबित हुआ. उधर, यूक्रेन की राजधानी कीव भी इन घटनाओं से सुरक्षित नहीं रही. यूक्रेन के ऊर्जा मंत्रालय ने चेतावनी जारी की है कि राजधानी में ऊर्जा ढांचे पर बड़े पैमाने पर हमला किया गया है. मंत्रालय ने कहा कि दुश्मन द्वारा ऊर्जा ढांचे पर संयुक्त और भारी हमला किया जा रहा है. इस हमले के कारण कीव और आसपास के क्षेत्रों में बिजली व्यवस्था पर गंभीर असर पड़ा है.

कितना हुआ नुकसान?

इसी बीच, रूस के टैगानरोग बंदरगाह शहर में यूक्रेन की हवाई कार्रवाई के कारण एक व्यक्ति की मौत हो गई और तीन लोग घायल हुए हैं. शहर की मेयर स्वेतलाना कंबुलोवा ने बताया कि रात के हमले में दो अपार्टमेंट भवन, एक निजी घर, एक मैकेनिकल कॉलेज, दो औद्योगिक इकाइयां और एक किंडरगार्टन को नुकसान पहुंचा है. उन्होंने कहा कि तीन लोग घायल हुए हैं और एक व्यक्ति की मौत हुई है.

एक-दूसरे पर क्या लगा रहे आरोप?

इन ताजा हमलों ने दोनों देशों के बीच संघर्ष को और भड़काने का काम किया है. रूस और यूक्रेन दोनों ही एक-दूसरे पर हमलों को बढ़ाने का आरोप लगा रहे हैं. रूस ने यूक्रेन के दक्षिण और पूर्वी हिस्सों के बड़े भाग पर कब्जा कर रखा है और पांच यूक्रेनी क्षेत्रों के अधिग्रहण का दावा करता है जिनमें क्रीमिया भी शामिल है जिसे रूस ने 2014 में अपने कब्जे में लिया था. 

मॉस्को लगातार यह मांग कर रहा है कि यूक्रेन डोनेत्स्क के उस हिस्से से पीछे हटे जो अभी भी उसके नियंत्रण में है. लेकिन यूक्रेन ने इन मांगों को साफ तौर पर अस्वीकार कर दिया है. यूक्रेन का कहना है कि वह अपनी भूमि किसी भी कीमत पर नहीं छोड़ेगा.