विदेश मंत्री एस जयशंकर सऊदी अरब में अपने समकक्षों के साथ बैठकें कीं. इस दौरान उन्होंने गाजा में मौजूदा स्थिति पर चिंता जताई. विदेश मंत्री ने कहा कि गाजा में मौजूदा स्थिति अब हमारा सबसे बड़ा चिंता का विषय है. इस संबंध में भारत का रुख सैद्धांतिक और सुसंगत रहा है.
यह बयान इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि भारत ने शुरू में हमास द्वारा किए गए आतंकवादी हमलों का शिकार होने के कारण इजरायल का समर्थन किया था और बाद में फिलिस्तीनियों की दुर्दशा के बारे में बात करके अपनी स्थिति को और स्पष्ट किया. नवीनतम बयान गाजा में नागरिकों के बारे में दिल्ली की चिंताओं की एक स्पष्ट अभिव्यक्ति है.
रियाद में रणनीतिक वार्ता के लिए पहली भारत-जीसीसी मंत्रिस्तरीय बैठक में बोलते हुए जयशंकर ने कहा, 'गाजा में मौजूदा स्थिति अब हमारी सबसे बड़ी चिंता है. इस संबंध में भारत का रुख सैद्धांतिक और सुसंगत रहा है. हम आतंकवाद और बंधक बनाने की घटनाओं की निंदा करते हैं, लेकिन निर्दोष नागरिकों की लगातार हो रही मौतों से हमें गहरा दुख होता है. किसी भी प्रतिक्रिया में मानवीय कानून के सिद्धांतों को ध्यान में रखना चाहिए. हम जल्द से जल्द युद्ध विराम का समर्थन करते हैं.'
उन्होंने कहा, 'बड़े मुद्दे पर, हम लगातार दो-राज्य समाधान के माध्यम से फिलिस्तीनी मुद्दे के समाधान के लिए खड़े हैं. हमने फिलिस्तीनी संस्थानों और क्षमताओं के निर्माण में भी योगदान दिया है. जहां तक मानवीय स्थिति का सवाल है, हमने राहत प्रदान की है और यूएनआरडब्ल्यूए को अपना समर्थन बढ़ाया है.'
जयशंकर ने जीसीसी देशों के विदेश मंत्रियों से मुलाकात की जिसमें बहरीन, कुवैत, ओमान, कतर, सऊदी अरब और यूएई शामिल हैं. उन्होंने जीसीसी देशों को अपने देशों में बड़ी संख्या में भारतीय प्रवासियों की देखभाल करने के लिए धन्यवाद दिया. बैठक के बाद, उन्होंने स्वास्थ्य, व्यापार, सुरक्षा, ऊर्जा जैसे विविध क्षेत्रों में विभिन्न संयुक्त गतिविधियों को शुरू करने के लिए 'संयुक्त कार्य योजना 2024-2028' को अपनाया.
7 अक्टूबर को हमास द्वारा किए गए हमलों में लगभग 1,200 लोग मारे गए थे और लगभग 250 इज़रायली और विदेशी नागरिकों को बंधक बना लिया गया था. इसके बाद इज़रायली सैना ने हमला किया, जो हवाई हमलों से शुरू हुआ और बाद में गाजा में जमीनी अभियानों में बदल गया. अनुमान है कि गाजा में 40,000 से अधिक लोग मारे गए, जिनमें महिलाएं और बच्चे और हमास के लड़ाके शामिल थे. अभी भी हमास के पास कई इजरायली लोग बंधक हैं.