बांग्लादेश के जलने पर जला शेख हसीना का दिल, अल्पसंख्यक हिंदुओं पर अत्याचार को लेकर कही ये बात
शेख हसीना का कहना है कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के साथ अन्याय हो रहा है. हालिया हिंसक घटनाएं यह दिखाती हैं कि देश में धार्मिक सहिष्णुता कमजोर पड़ रही है, जिसे रोकना अब बेहद जरूरी है.
बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों, खासकर हिंदू समुदाय के खिलाफ बढ़ती हिंसा को लेकर पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना का दर्द सामने आया है. क्रिसमस के मौके पर दिए गए अपने विशेष संदेश में उन्होंने देश की मौजूदा सरकार पर गंभीर आरोप लगाए. शेख हसीना ने कहा कि वर्तमान सरकार अवैध तरीके से सत्ता में आई है और वह सभी धर्मों के लोगों को अपने-अपने विश्वास के अनुसार जीने की आजादी से वंचित कर रही है.
गैर-मुसलमानों पर बढ़ते अत्याचार का आरोप
अपने बयान में शेख हसीना ने कहा कि बांग्लादेश में विशेष रूप से गैर-मुसलमानों पर अत्याचार बढ़ गया है. उन्होंने दावा किया कि धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ ऐसी हिंसक घटनाएं हो रही हैं, जिनमें लोगों को जिंदा जलाने तक की घटनाएं शामिल हैं. शेख हसीना ने इसे मानवता के लिए शर्मनाक बताया और कहा कि यह देश को अंधकार की ओर ले जाने वाला रास्ता है.
बांग्लादेश की जनता से जताई उम्मीद
पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें भरोसा है कि बांग्लादेश की जनता इस भयावह दौर को ज्यादा समय तक चलने नहीं देगी. उन्होंने उम्मीद जताई कि आम लोग एकजुट होकर देश में शांति, सहिष्णुता और इंसानियत को फिर से स्थापित करेंगे.
क्रिसमस पर शांति और मानवता का संदेश
25 दिसंबर को ईसाई समुदाय के सबसे बड़े त्योहार क्रिसमस के अवसर पर शेख हसीना ने दुनिया भर के ईसाइयों को बधाई दी. उन्होंने कहा कि ईसा मसीह मानवता की मुक्ति के दूत थे, जिन्होंने सत्य, न्याय और करुणा का संदेश दिया. उनके बलिदान और विचारों ने दुनिया को अधिक मानवीय और शांतिपूर्ण बनाने की प्रेरणा दी.
हिंदू युवक की हत्या से फिर बढ़ा तनाव
इस बीच बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमलों की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं. गुरुवार को राजबाड़ी जिले के पांग्शा उपज़िला में एक हिंदू युवक की भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या कर दी गई. मृतक की पहचान अमृत मंडल उर्फ सम्राट के रूप में हुई है. पुलिस के अनुसार, घटना रात करीब 11 बजे होसेनडांगा गांव में हुई. आरोप है कि युवक पर जबरन वसूली का शक जताया गया था, जिसके बाद भीड़ ने हमला कर दिया.
पुलिस जांच में जुटी
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है और स्थिति पर नजर रखी जा रही है. हालांकि इस घटना ने एक बार फिर बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं.