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SCO शिखर सम्मेलन में फ्रंट रो में दिखे पीएम मोदी, ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहली बार पाकिस्तानी पीएम शरीफ के साथ शेयर किया मंच

चीन के तियानजिन शहर में आयोजित 25वें शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग एक साथ मंच पर नज़र आए. यह तस्वीर न सिर्फ भू-राजनीतिक समीकरणों का संकेत देती है बल्कि भारत और पाकिस्तान के प्रधानमंत्रियों को भी एक ही मंच पर लाती है.

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Kuldeep Sharma

तियानजिन में रविवार को आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन की पारंपरिक पारिवारिक तस्वीर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सबसे आगे की पंक्ति में दिखाई दिए. इस फोटो में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ खड़े थे, जबकि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ भी फ्रंट रो में नज़र आए. यह अवसर कई मायनों में ऐतिहासिक रहा क्योंकि यह भारत और पाकिस्तान के प्रधानमंत्रियों का हाल ही में हुए ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहला साझा मंच था.

चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और उनकी पत्नी पेंग लियुआन ने अंतरराष्ट्रीय मेहमानों के स्वागत के लिए तियानजिन में एक भव्य भोज का आयोजन किया. इसके बाद सभी विश्व नेताओं ने पारंपरिक 'फैमिली फोटो' के लिए मंच साझा किया. तस्वीर में चीन के मेज़बान राष्ट्रपति शी जिनपिंग केंद्र में नज़र आए, जिनके दाईं ओर व्लादिमीर पुतिन और बाईं ओर उनकी पत्नी पेंग लियुआन खड़ी थीं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनके साथ अग्रिम पंक्ति में खड़े थे, जहां तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैयप एर्दोगन और मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुईज्जू भी मौजूद थे.

भारत-पाकिस्तान आमने-सामने

इस सम्मेलन की एक खासियत यह भी रही कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ एक ही मंच पर नज़र आए. हाल ही में भारत द्वारा किए गए ऑपरेशन सिंदूर के बाद यह पहला अवसर था जब दोनों देशों के शीर्ष नेता अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आमने-सामने आए. तस्वीरों ने न केवल क्षेत्रीय राजनीति बल्कि भारत-पाक रिश्तों की जटिलता को भी उजागर किया.

मोदी की चीन यात्रा का महत्व

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह दौरा कई मायनों में महत्वपूर्ण है. यह सात साल बाद उनका पहला चीन दौरा है. सम्मेलन के इतर उनकी द्विपक्षीय बैठक रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ भी होगी. यह मुलाकात ऐसे समय हो रही है जब अमेरिका, डोनाल्ड ट्रंप की अगुवाई में, भारत पर व्यापारिक टैरिफ का दबाव बना रहा है. ऐसे में मोदी-पुतिन वार्ता आने वाले दिनों में भारत-रूस संबंधों की दिशा तय करने में अहम हो सकती है.

अंतरराष्ट्रीय भागीदारी

SCO के इस 25वें सम्मेलन में चीन, रूस, भारत और पाकिस्तान के अलावा कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान, ईरान और बेलारूस जैसे सदस्य देश भी शामिल हुए. इसके अलावा कई ऑब्ज़र्वर स्टेट्स, डायलॉग पार्टनर्स और विशेष आमंत्रित देशों ने भी भाग लिया. संयुक्त राष्ट्र, आसियान और कॉमनवेल्थ ऑफ इंडिपेंडेंट स्टेट्स जैसी प्रमुख अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं के प्रतिनिधि भी इस बार सम्मेलन में मौजूद रहे.