अमेरिकी की चाल चीन पर हो गया खतरनाक वार, सऊदी अरब की न से निकल गई ड्रैगन की हवा!

Saudi Arab and China warship Deal: सऊदी अरब ने अमेरिकी दबाव के चलते स्पेन से युद्धपोत की डील फाइनल करके चीन को तगड़ा झटका दे दिया है.

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Saudi Arabia China Warship Deal: भारत के पड़ोसी चीन को एक बार फिर से मुंह की खानी पड़ी है. मिडिल ईस्ट में अपने पैर जमाने के लिए चीन खाड़ी देशों के साथ अच्छे संबंध बनाने की ओर अग्रसर है. लेकिन अमेरिका की चाल से हर बार उसे हार मिल जाती है. दरअसल, सऊदी अरब और चीन के बीच युद्धपोत को लेकर डील हुई थी. चीन ने अपना युद्धपोत बेचने के लिए पूरा गुणा-गणित लगा भी लिया था. लेकिन एंड मौके पर अमेरिका ने ऐसा किया कि सऊदी अरब ने स्पेन से डील कर डाली.

विदेश मामलों के जानकारों का कहना है कि अमेरिका ने सऊदी अरब पर चीन से युद्धपोत न खरीदने का दबाव डाला था. उसी की वजह से उसने चीन से युद्धपोत खरीदने की डील को टाल दिया.

चीन से युद्धपोत का समौझता खत्म?

अगले दस सालों में स्पेन के युद्धपोत सऊदी अरब की नेवी में शामिल हो जाएंगे. सऊदी अरब की मीडिया में खबरें चल रही हैं कि स्पेन से समझौता होने के बाद चीन की डील का लगभग द एंड हो चुका है.

चीन अपना 052D युद्धपोत सऊदी अरब को देने वाला था. ये युद्धपोत चीनी सेना का सबसे आधुनिक युद्धपोत माना जाता है. इस युद्धपोत की तुलना अमेरिका के सबसे खतरनाक युद्धपोत अर्ले बर्क से की जाती है.

अमेरिकी ने सऊदी पर डाला दबाव

यूरेशियन टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक अगर सऊदी को चीन का 052D युद्धपोत मिल जाता तो उसकी नौसेना दुनिया की टॉप तीन देशों में शामिल हो जाती. लेकिन अमेरिका नहीं चाहता था की सऊदी यह डील करे. उसने सऊदी को धमकी इसे न खरीदने की धमकी दी थी. रिपोर्ट में आगे कहा कि अमेरिका नहीं चाहता कि कोई छोटा देशा उससे आगे निकले. उसने सऊदी को चीन से डील कैंसिल करने के लिए मजबूर कर दिया. इससे पहले अमेरिकी की वजह से ही चीनी की अर्जेटीना से भी डील नहीं हो पाई थी.