'पुतिन दुनिया का समय कर रहे बर्बाद', रूसी राष्ट्रपति पर यूरोप को नहीं है भरोसा, क्या यूक्रेन के साथ नहीं होगा शांति समझौता?

अमेरिकी दूतों से पांच घंटे की बातचीत के बाद भी रूस-यूक्रेन शांति प्रयासों में कोई ठोस प्रगति नहीं हुई. यूरोपीय देश और यूक्रेन राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पर केवल दिखावटी रुचि दिखाने का आरोप लगा रहे हैं.

social media
Kuldeep Sharma

नई दिल्ली: मॉस्को में अमेरिकी दूतों और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की लंबी बैठक के बाद भी यूक्रेन युद्ध को लेकर कोई ठोस समाधान नहीं निकल सका है. 

जहां अमेरिका बातचीत जारी रखने की उम्मीद कर रहा है, वहीं यूरोपीय देश और यूक्रेन पुतिन पर शांति प्रक्रिया को केवल समय बिताने का तरीका बताकर गहरी नाराजगी जता रहे हैं. रूस अब भी कब्जाए गए यूक्रेनी इलाकों को छोड़ने को तैयार नहीं दिख रहा, जबकि यूरोप पुतिन की आक्रामक टिप्पणियों को तनाव बढ़ाने वाला कदम बता रहा है.

अमेरिका–रूस वार्ता में प्रगति क्यों नहीं?

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दूत स्टीव विटकॉफ और जेरेड कुशनर की पुतिन से हुई बैठक करीब पांच घंटे चली, लेकिन किसी निर्णायक नतीजे का संकेत नहीं मिला. दोनों पक्षों ने बातचीत की जानकारी सार्वजनिक न करने पर सहमति जताई. सबसे बड़ी अड़चन वही पुरानी है- क्या रूस यूक्रेन के कब्जाए गए क्षेत्रों को बनाए रखेगा? रूस अब भी इन्हें लौटाने के खिलाफ है, जबकि यूक्रेन ने स्पष्ट रूप से कहा है कि वह अपनी जमीन नहीं छोड़ेगा.

यूरोप और यूक्रेन ने क्यों जताई नाराजगी?

यूक्रेन के विदेश मंत्री एंड्री साइबिहा ने कहा कि पुतिन 'दुनिया का समय बर्बाद' कर रहे हैं. ब्रिटेन की विदेश मंत्री यवेट कूपर ने भी पुतिन पर 'दिखावटी शांति' का आरोप लगाया. यूरोपीय विदेश मंत्रियों ने ब्रसेल्स में कहा कि पुतिन न तो अपना रुख बदल रहे हैं और न ही युद्ध रोकने के संकेत दे रहे हैं. फिनलैंड और एस्तोनिया ने भी रूस को युद्ध विराम के बिना विश्वसनीय नहीं बताया.

यूरोप पर पुतिन की तीखी टिप्पणी

बैठक से पहले पुतिन ने यूरोपीय देशों पर शांति प्रयासों को बिगाड़ने का आरोप लगाया. उन्होंने चेतावनी दी कि रूस यूरोप से लड़ना नहीं चाहता, लेकिन 'यदि यूरोप युद्ध चाहता है, तो रूस तैयार है.' पुतिन के इस बयान ने तनाव और बढ़ा दिया. यूरोपीय नेताओं ने कहा कि ऐसी टिप्पणियां यह साफ करती हैं कि पुतिन किसी वास्तविक समाधान में रुचि नहीं रखते.

बातचीत जारी, दबाव बरकरार

नाटो महासचिव मार्क रुटे ने साफ किया कि बातचीत का स्वागत है, पर यूक्रेन को मजबूत स्थिति में रखना जरूरी है. कनाडा, जर्मनी, पोलैंड और नीदरलैंड ने अमेरिका से हथियार खरीदकर यूक्रेन को देने के लिए नए फंड का ऐलान किया है. नाटो देशों ने कहा कि जब तक युद्ध रुकता नहीं, यूक्रेन को सैन्य सहायता मिलती रहेगी, ताकि वह वार्ता में भी मजबूत स्थिति में रहे.

मोरचे पर हालात-ड्रोन हमलों से बढ़ी तबाही

जमीन पर लड़ाई रुकने का नाम नहीं ले रही. रूस ने यूक्रेन पर 111 ड्रोन दागे, जबकि यूक्रेन का दावा है कि उसने 102 रूसी ड्रोन मार गिराए. ड्निप्रोपेत्रोव्स्क क्षेत्र के टर्निव्का कस्बे में रूसी ड्रोन हमले में दो लोगों की मौत और तीन घायल हुए. दूसरी ओर, रूस के तांबोव क्षेत्र में गिरे यूक्रेनी ड्रोन के अवशेषों से एक तेल डिपो में आग लग गई. दोनों देशों में घातक हमले लगातार जारी हैं.