रॉयल फैमिली से बेदखल होंगे प्रिंस एंड्रयू, घिनौनी हरकत की वजह से छिनेगा शाही आवास!

ब्रिटेन के प्रिंस एंड्रयू फिर विवादों में हैं. किंग चार्ल्स तृतीय उनसे विंडसर स्थित 30 कमरों वाला रॉयल लॉज खाली करने को कह सकते हैं. यह विवाद जेफरी एपस्टीन प्रकरण से जुड़े पुराने यौन शोषण आरोपों के दोबारा चर्चा में आने के बाद बढ़ा है.

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Kanhaiya Kumar Jha

नई दिल्ली: ब्रिटेन के विवादास्पद शाही सदस्य प्रिंस एंड्रयू एक बार फिर सुर्खियों में हैं. उन पर लगे पुराने आरोपों के बाद अब किंग चार्ल्स तृतीय के साथ उनके 30 कमरों वाले शाही आवास ‘रॉयल लॉज’ को खाली करने को लेकर बातचीत जारी है. यह आवास विंडसर कैसल परिसर में स्थित है.

रॉयल लॉज को लेकर विवाद

ब्रिटिश मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, राजा चार्ल्स अपने छोटे भाई को इस आलीशान निवास से बाहर निकालने पर विचार कर रहे हैं. हाल ही में सामने आई एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि प्रिंस एंड्रयू ने 20 वर्षों से इस घर का किराया नहीं दिया, जो 2003 में क्राउन एस्टेट से हुए एक विशेष समझौते के तहत उन्हें आवंटित किया गया था.

डेली मेल और द संडे टाइम्स ने लिखा है कि राजा और संसद दोनों ही अब एंड्रयू पर दबाव बना रहे हैं कि वे यह घर छोड़ दें. हालांकि खबरों के अनुसार, अगर उन्हें आर्थिक मुआवज़ा और नया घर दिया जाता है, तो वे वहां से जाने के लिए तैयार हो सकते हैं. सूत्रों का कहना है कि प्रिंस विलियम और उनका परिवार जल्द ही रॉयल लॉज के पास नए आवास में शिफ्ट होने वाले हैं और चाहते हैं कि एंड्रयू पहले वहां से निकल जाएं.

संसद में उठी बहस की मांग

इस पूरे विवाद के बीच ब्रिटेन की लिबरल डेमोक्रेट पार्टी ने संसद में बहस की मांग की है. पार्टी का कहना है कि प्रिंस एंड्रयू के रॉयल लॉज और ड्यूक ऑफ यॉर्क की उपाधि दोनों की समीक्षा जरूरी है. पार्टी के एक वरिष्ठ सदस्य ने कहा, 'यह आवश्यक है कि संसद इस मामले की उचित जांच करे. अगर संसद को कार्रवाई करनी पड़ी, तो वह महल के साथ समन्वय में होगी.'

पुराने आरोपों से फिर बढ़ा विवाद

यह विवाद उस समय तेज हुआ जब जेफरी एपस्टीन की पीड़िता वर्जीनिया गिफ्रे के संस्मरण प्रकाशित हुए. गिफ्रे ने अपनी किताब में दोहराया कि उसने 17 वर्ष की उम्र में प्रिंस एंड्रयू के साथ तीन बार यौन संबंध बनाए थे.

एंड्रयू ने इन सभी आरोपों से इनकार किया है, लेकिन 2022 में उन्होंने अमेरिका में गिफ्रे के साथ अदालत के बाहर समझौता करते हुए करोड़ों डॉलर का भुगतान किया था ताकि मामला खत्म किया जा सके. गिफ्रे ने इस साल अप्रैल में आत्महत्या कर ली, जबकि एपस्टीन ने 2019 में जेल में यौन तस्करी के आरोपों में मुकदमे से पहले फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली.

दबाव में राजघराना

इन खुलासों के बाद किंग चार्ल्स पर अपने भाई के खिलाफ कदम उठाने का दबाव बढ़ गया है. ब्रिटिश मीडिया का कहना है कि संसद में किसी शाही सदस्य के आचरण पर बहस होना अभूतपूर्व होगा, लेकिन जनमत और राजनीतिक दबाव के चलते यह अब संभव दिख रहा है.