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पाकिस्तानी सेना अपनों पर ढा रही सितम, वीडियो में देखें लाहौर में कैसे बीच सड़क पर मचाया ताडंव

पाकिस्तान के लाहौर में हालात तनावपूर्ण हो गए हैं, जहां ‘फिलिस्तीन समर्थन मार्च’ को लेकर तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (TLP) के समर्थकों और पुलिस के बीच झड़पें तेज हो गईं. वहीं सोशल मीडिया पर सामने आए वीडियो ने सनसनी फैला दी है.

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Edited By: Kuldeep Sharma
TLPs Pro Palestine March in Lahore
Courtesy: social media

TLPs Pro Palestine March in Lahore: लाहौर की सड़कों पर शुक्रवार को एक बार फिर अफरातफरी मच गई जब इस्लामी संगठन तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (TLP) के समर्थकों ने इस्लामाबाद की ओर ‘फिलिस्तीन समर्थन मार्च’ निकालने की कोशिश की. 

पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए बल प्रयोग किया, जिसके बाद स्थिति हिंसक हो गई. इस बीच, सोशल मीडिया पर ऐसे वीडियो सामने आए हैं जिनमें सुरक्षाबलों को खुद गाड़ियों में तोड़फोड़ करते हुए देखा गया, जिससे प्रशासन की मंशा पर सवाल उठने लगे हैं..

सुरक्षाबलों पर हिंसा भड़काने के आरोप

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार जिन इलाकों में तोड़फोड़ की गई, वहां प्रदर्शनकारी मौजूद थे, लेकिन वाहनों को नुकसान सुरक्षाबलों ने ही पहुंचाया. उनका आरोप है कि पुलिस और अर्धसैनिक बलों ने खुद तोड़फोड़ कर बाद में इसे प्रदर्शनकारियों की हिंसा बताने की कोशिश की ताकि कठोर कार्रवाई को जायज ठहराया जा सके.

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में साफ तौर पर देखा जा सकता है कि सुरक्षाकर्मी खुद वाहनों पर चढ़कर तोड़फोड़ कर रहे हैं. हालांकि अब तक प्रशासन ने इस आरोप पर कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया है.

लाहौर में बेकाबू हुआ विरोध प्रदर्शन

वहीं हजारों TLP समर्थकों ने शुक्रवार को इस्लामाबाद की ओर बढ़ने की कोशिश की, जिसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज और आंसू गैस का इस्तेमाल किया. प्रदर्शनकारियों ने भी पत्थरबाजी कर जवाब दिया. संगठन के प्रमुख साद रिजवी ने एलान किया कि वह खुद मार्च का नेतृत्व करेंगे, चाहे इसके लिए गिरफ्तारी या गोलियों का सामना ही क्यों न करना पड़े. उन्होंने कहा, 'हम अमेरिकी दूतावास के सामने फिलिस्तीन के समर्थन में प्रदर्शन करेंगे, यह हमारा हक है.'

सरकार ने राजधानी की घेराबंदी की

पंजाब की मुख्यमंत्री मरियम नवाज शरीफ के नेतृत्व में प्रशासन ने इस्लामाबाद जाने वाले सभी मार्गों को कंटेनरों से बंद कर दिया है. इंटरनेट सेवाएं ठप हैं और सुरक्षा बलों को सतर्क रहने का आदेश दिया गया है. उप-गृह मंत्री तलाल चौधरी ने कहा, 'प्रदर्शनकारियों को किसी भी कीमत पर राजधानी में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा.' उन्होंने सवाल उठाया कि 'जब फिलिस्तीन में युद्धविराम हो चुका है तो अब यह हिंसा क्यों?'

आम लोगों की मुश्किलें बढ़ीं

हिंसा और अवरोधों के कारण लाहौर में आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. कई इलाकों में स्कूल, कॉलेज और बाजार बंद हैं. सड़कें ब्लॉक होने के कारण लोग घर या दफ्तर नहीं पहुंच पा रहे. वहीं अमेरिकी दूतावास ने अपने नागरिकों के लिए सुरक्षा अलर्ट जारी करते हुए उन्हें सार्वजनिक जगहों से दूर रहने की सलाह दी है. शहर के कई हिस्सों में इंटरनेट बंदी के चलते नागरिकों को जरूरी सेवाओं तक पहुंचने में भी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है.

यह पूरी घटना न केवल पाकिस्तान के राजनीतिक तंत्र की अस्थिरता को उजागर करती है, बल्कि इस बात पर भी सवाल खड़े करती है कि क्या सरकार और सुरक्षाबल किसी राजनीतिक उद्देश्य के लिए खुद हिंसा को भड़काने की रणनीति अपना रहे हैं.