दुनियाभर के देशों में इंटेलिजेंस एजेंसियों का काम खूफिया जानकारी जुटाने का होता है. ऐसी जानकारी जिसकी मदद से देश की सुरक्षा को पैदा होने वाले खतरे को रोका जा सके या फिर गैरकानूनी गतिविधियों का पहले से ही पता लगाया जा सके. ऐसी गतिविधियां करने वाले को सजा देने का काम जज का होता है. पाकिस्तान में ऐसा हो रहा है कि सजा देने वाले जज को वहां की इंटेलिजेंस एजेंसी ISI ही धमका रही है. एक जज ने आरोप लगाए हैं कि ISI उनके और उनके परिवार को धमका रही है. जज को धमकी दी जा रही है ताकि उनसे मन मुताबिक फैसले लिखवाए जा सकें.
एंटी-टेररिज्म कोर्ट के जज मोहम्मद अब्बास ने इस बारे में लाहौर हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस मलिक शहजाद अहमद खान को चिट्ठी लिखी है. इस चिट्ठी में उन्होंने आरोप लगाए हैं कि आईएसआई के अधिकारी उन्हें और उनके परिवार को धमकी दे रहे हैं. बता दें कि इसी कोर्ट में इमरान खान बनाम ISI का केस चल रहा है. जज मलिक शहजाद का आरोप है कि ISI के अधिकारी उन्हें धमकी देकर और डराकर अपने पक्ष में फैसला करवाना चाहते हैं.
दरअसल, पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को पिछले साल गिरफ्तार किया था. उनकी पार्टी पीटीआई के समर्थकों ने सेना के ठिकानों पर हमला बोल दिया था. इस मामले में पीटीआई के नेता उमर अयूब ने आरोप लगाए हैं कि पिछले हफ्ते सरगोधा ATC के जज अब्बास को इंटेलिजेंस एजेंसियों ने बंधक बना दिया. इसी साल मार्च में इस्लामाबाद हाई कोर्ट के 6 जजों ने सुप्रीम कोर्ट में शिकायत दी थी कि ISI के लोग उनके काम में बाधा डाल रहे हैं.
कुल 8 जजों वाले हाई कोर्ट के 6 जजों ने सुप्रीम कोर्ट से शिकायत की थी कि उन पर दबाव बनाया जा रहा और उनके घरों में पर भी नजर रखी जा रही है. सभी जजों ने यह भी माना था कि इंटेलिजेंस एजेंसियां उनके काम में दखल दे रही हैं. दरअसल, पाकिस्तान की सेना और ISI इमरान खान के खिलाफ हो गई हैं और उनकी पूरी कोशिश रही है कि इमरान के पक्ष में कोई फैसला न आने पाए.