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India Daily

गाजा को लेकर पाकिस्तान में लगी 'आग', पाक आर्मी ने टीएलपी प्रमुख को साद रिजवी को मारी गोली, वीडियो आया सामने

सोमवार को तहरिक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (TLP) के समर्थकों और पुलिस के बीच हिंसक झड़पों में कई लोगों की मौत हो गई, जबकि पार्टी प्रमुख साद रिजवी गंभीर रूप से घायल हो गए.

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Edited By: Kuldeep Sharma
violence in pakistan
Courtesy: social media

violence in pakistan: लाहौर की सड़कों पर सोमवार को अफरा-तफरी मच गई, जब तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (TLP) के कार्यकर्ता इस्लामाबाद की ओर बढ़ते हुए पुलिस से भिड़ गए. प्रदर्शनकारियों की फायरिंग में एक पुलिस अधिकारी की मौत हो गई और दर्जनों लोग घायल हो गए.

वहीं, पार्टी प्रमुख साद रिजवी को भी गोली लगी है और उनकी हालत नाज़ुक बताई जा रही है. यह हिंसा उस वक्त भड़की जब प्रदर्शनकारी गाजा में इसराइल के खिलाफ अपना विरोध जताने के लिए ‘प्रो-पैलेस्टाइन मार्च’ निकाल रहे थे.

पुलिस और प्रदर्शनकारियों में गोलीबारी

पंजाब पुलिस प्रमुख उस्मान अनवर ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने पहले फायरिंग की, जिसमें एक अधिकारी की मौत हो गई और कई घायल हुए. दूसरी ओर, TLP का कहना है कि पुलिस ने पहले गोली चलाई, जिससे उनके कई समर्थक घायल हुए और कुछ की मौत भी हुई. पार्टी ने दावा किया कि साद रिजवी को भी पुलिस की गोली लगी है और उन्हें गंभीर स्थिति में अस्पताल में भर्ती कराया गया है. गोली लगने से पहले रिजवी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमें वे सुरक्षा बलों से गोलीबारी रोकने की अपील कर रहे थे और बातचीत की पेशकश कर रहे थे.

लाहौर में बेकाबू हालातों के वीडियो आए सामने

सोशल मीडिया पर सामने आए वीडियो में कई वाहन जलते हुए दिखे, जिनमें से कुछ पर TLP के कार्यकर्ता सवार थे. लाहौर से शुरू हुआ यह 'लॉन्ग मार्च' शुक्रवार से ही जारी था, और सोमवार को हिंसा अपने चरम पर पहुंच गई. पुलिस ने राजधानी जाने वाले रास्तों को कंटेनरों से बंद किया था, लेकिन प्रदर्शनकारी उन बैरिकेड्स को हटाने की कोशिश करने लगे, जिसके बाद झड़पें शुरू हो गईं.

पुलिस ने शनिवार को ही 100 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया था, लेकिन इसके बावजूद भीड़ नहीं रुकी. हिंसा के चलते शहर के कई इलाकों में इंटरनेट सेवाएं बाधित कर दी गईं और प्रशासन ने धारा 144 लागू कर दी.

अमेरिका दूतावास की ओर बढ़ने की जिद

TLP के कार्यकर्ता गाजा में फिलिस्तीनियों के समर्थन में इस्लामाबाद स्थित अमेरिकी दूतावास के बाहर प्रदर्शन करना चाहते थे. लेकिन पुलिस ने सुरक्षा कारणों से उनकी रैली को रोक दिया. एसोसिएटेड प्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, जब प्रदर्शनकारियों ने पुलिस द्वारा लगाए गए कंटेनरों को हटाना शुरू किया, तो झड़पें भड़क उठीं. प्रदर्शनकारियों ने पहले लाहौर में टकराव किया और फिर मुरिदके इलाके में डेरा डाल दिया. सोमवार को वे फिर से इस्लामाबाद की ओर रवाना हुए.

हिंसा पर बंटी राय

तहरिक-ए-लब्बैक पाकिस्तान की इस हिंसक रैली ने पाकिस्तान के भीतर गहरे मतभेद उजागर कर दिए हैं. एक ओर, कई लोग TLP की हिंसा की निंदा कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर कुछ का कहना है कि सरकार ने अति-प्रतिक्रिया दिखाई. पाकिस्तान के उप गृह मंत्री तलाल चौधरी ने कहा कि जब गाजा में संघर्ष विराम हो चुका है, तब TLP को हिंसा नहीं, शांति का जश्न मनाना चाहिए था.

गौरतलब है कि TLP को पाकिस्तान की राजनीति में 2018 के चुनावों में तब पहचान मिली थी, जब उसने देश के ईशनिंदा कानून के बचाव को अपना मुख्य मुद्दा बनाया था. तब से लेकर अब तक यह संगठन कई बार सड़कों पर हिंसक प्रदर्शनों के लिए सुर्खियों में रहा है.