Pakistan News: पाक में भले ही पेट्रोल और डीजल के दाम घटा दिए गए हों लेकिन उसकी आर्थिक हालत जस की तस बनी हुई है. पाकिस्तान का कुल कर्ज और देनदारियां भी उच्च स्तर पर पहुंच गई हैं. रिपोर्ट के अनुसार, पाक का कुल ऋण 81 ट्रिलियन पाकिस्तानी रुपये हो गया है. यह कर्ज पूरी अर्थव्यवस्था के तीन-चौथाई के बराबर है. पाकिस्तान में जंक रेटिंग के कारण निवेश नहीं हो पा रहा और उसका कर्ज दिनानुदिन बढ़ता ही जा रहा है.
रिपोर्ट के अनुसार, स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान के आंकड़ों की मानें तो बीते वर्ष की तुलना में इस्लामाबाद की ऋण देनदारी 12 फीसदी की दर से बढ़ी है. इसे आसान शब्दों में कहें तो उसका कर्ज प्रतिदिन 31 अरब रुपये बढ़ा है. मार्च माह के अंत तक देश का कुल कर्ज 8.4 ट्रिलियन रुपये बढ़ गई है. इस कारण पाक की कुल देनदारी और कर्ज 81 ट्रिलियन रुपये का हो गया है.
पाक समाचार पत्र द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की खबर के अनुसार, सरकारी कंपनियों पर कर्ज का बोझ पहले की तुलना में बढ़ा है. मार्च के अंतिम सप्ताह में उनकी देनदारियां 3.8 ट्रिलियन रुपये तक पहुंच गई थीं. इस घाटे को पूरा करने के लिए उधार लिया गया. रिपोर्ट के अनुसार, सरकारी कंपनियों में सुधार से जुड़े कदम नहीं उठाए इस कारण यह परेशानी और ज्यादा हो रही है.
इस रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि पाक सरकार ने कर्ज कम करने के लिए सख्त उपाय उठाने की बात तो कहती है लेकिन वह लागू नहीं हो पाती है. पाक की किसी भी सरकार ने कोई ठोस आर्थिक सुधार कार्यक्रम पर काम नहीं किया. इस वित्तीय वर्ष के लिए भी सरकार ने ब्याज के भुगतान हेतु 7.3 ट्रिलियन रुपये का बजट रखा गया था जो बढ़कर 8.3 ट्रिलियन रुपये के पास पहुंचने की उम्मीद है. कर्ज चुकाने की लागत तब तक तक कम नहीं होगी जब तक सेंट्रल बैंक अपनी बेस रेट कम नहीं करता.
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