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NSA Ajit Doval Meets Putin: ट्रंप के आगे नहीं झुकेगा भारत, 50% टैरिफ लगाने के एक दिन बाद पुतिन से मिले अजीत डोभाल

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल ने गुरुवार को मास्को में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से क्रेमलिन में मुलाकात की. यह महत्वपूर्ण बैठक सुरक्षा, आर्थिक और ऊर्जा सहयोग को बढ़ावा देने के लिए आयोजित की गई थी.

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Garima Singh

Russian President Meets NSA Ajit Doval: राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल ने गुरुवार को मास्को में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से क्रेमलिन में मुलाकात की. यह महत्वपूर्ण बैठक सुरक्षा, आर्थिक और ऊर्जा सहयोग को बढ़ावा देने के लिए आयोजित की गई थी. यह मुलाकात ऐसे समय में हुई जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत द्वारा रूसी कच्चे तेल की खरीद के जवाब में भारतीय आयातों पर 25 प्रतिशत एक्स्ट्रा टैरिफ लगाने की घोषणा की. इस नए टैरिफ से भारतीय वस्तुओं पर कुल टैरिफ का बोझ 50 प्रतिशत तक पहुंच गया है.

भारत ने रूस के साथ अपने ऊर्जा व्यापार का दृढ़ता से बचाव किया है. सरकार का कहना है कि तेल आयात का निर्णय “राष्ट्रीय हित और बाजार की गतिशीलता” पर आधारित है. रूसी सरकारी मीडिया 'स्पुतनिक न्यूज' द्वारा जारी एक वीडियो में डोभाल ने भारत और रूस के बीच संबंधों को “बहुत विशेष” करार दिया. उन्होंने कहा, “हमारे बीच बहुत ही खास और दीर्घकालिक संबंध हैं और हम अपनी रणनीतिक साझेदारी को बहुत महत्व देते हैं. हमारे बीच उच्च-स्तरीय बैठकें हुई हैं और इनका इसमें बहुत बड़ा योगदान रहा है.”

पुतिन की भारत यात्रा: नया मील का पत्थर

डोभाल ने राष्ट्रपति पुतिन की आगामी भारत यात्रा की घोषणा का स्वागत किया. उन्होंने कहा, “हम रूस के राष्ट्रपति पुतिन की भारत यात्रा के बारे में जानकर बेहद उत्साहित हैं. मुझे लगता है कि अब तारीखें लगभग तय हो चुकी हैं. सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि शिखर सम्मेलन हमेशा से ही एक महत्वपूर्ण मोड़ रहे हैं.” समाचार एजेंसी एएनआई के सूत्रों के मुताबिक, इस यात्रा की योजना पर काम चल रहा है, हालांकि मास्को में कोई अंतिम तारीख तय नहीं हुई.

रक्षा सहयोग में प्रगति

भारत और रूस के बीच रक्षा सहयोग भी निरंतर मजबूत हो रहा है. साल 2018 में भारत ने रूस से 5.43 बिलियन डॉलर की लागत से एस-400 ट्रायम्फ एयर डिफेंस सिस्टम के पांच स्क्वाड्रन खरीदने का समझौता किया था. अब तक तीन स्क्वाड्रन भारत को मिल चुके हैं, जो दोनों देशों के बीच रक्षा क्षेत्र में गहरे विश्वास को दर्शाता है.