Attacks on Indian Student in US: व्हाइट हाउस ने नस्ल या लिंग के आधार पर हुई हिंसा की कड़ी निंदा की है. उसने ऐसे ऐसे व्यवहारों को देश के भीतर अस्वीकार्य के रूप में वर्गीकृत किया है. राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद में रणनीतिक संचार के समन्वयक जॉन किर्बी ने ऐसे हमलों को रोकने और विफल करने के लिए प्रशासन की प्रतिबद्धता जाहिर की. उन्होंने इस मुद्दे से जुड़े जिम्मेदार लोगों की जवाबदेही सुनिश्चित करने और राज्य-स्थानीय
अधिकारियों के साथ सहयोग करने के लिए राष्ट्रपति जो बाइडेन और उनकी टीम के प्रयासों की सराहना की. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन और उनका प्रशासन लगातार भारतीय छात्रों पर हो रहे हमले को रोकने का प्रयास कर रहा है और इसे बाधित करने के लिए लगातार काम कर रहा है."
भारतीय छात्रों पर हाल के हमलों और माता-पिता के बीच अपने बच्चों को अमेरिका भेजने की चिंताओं के बारे में एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा "हिंसा के लिए कोई बहाना नहीं है, निश्चित रूप से नस्ल या लिंग या धर्म या किसी अन्य कारक पर आधारित है. यह यहां बिल्कुल अस्वीकार्य है. संयुक्त राज्य अमेरिका में राष्ट्रपति और उनका प्रशासन यह सुनिश्चित करने के लिए बहुत कड़ी मेहनत कर रहा है कि हम राज्य और स्थानीय अधिकारियों के साथ मिलकर इस प्रकार के हमलों को विफल करने और बाधित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं."
यह बयान संयुक्त राज्य अमेरिका में भारतीय मूल के व्यक्तियों पर हमलों और मौतों में अचानक हुए इजाफा के मद्देनजर आया है. 7 फरवरी को भारतीय मूल के एक 41 वर्षीय व्यक्ति की संयुक्त राज्य अमेरिका में मृत्यु हो गई. वाशिंगटन शहर में एक हमले में जानलेवा चोटें लगने के बाद मृतक की पहचान वर्जीनिया के अलेक्जेंड्रिया के विवेक तनेजा के रूप में हुई है. गंभीर चोटों के कारण उन्हें 7 फरवरी को मृत घोषित कर दिया गया.
वाशिंगटन डीसी में मेट्रोपॉलिटन पुलिस सक्रिय रूप से संदिग्ध की पहचान करने और उसका पता लगाने में सार्वजनिक सहायता मांग रही है. एक अन्य घटना में 4 फरवरी को शिकागो में एक क्रूर हमला हुआ, जिसमें सैयद मजाहिर अली नामक एक भारतीय छात्र को निशाना बनाया गया. हमले के बाद शिकागो में भारतीय वाणिज्य दूतावास ने पीड़ित और उसकी पत्नी के भारत में संपर्क में होने की सूचना दी. सोशल मीडिया पर भी साझा किए गए सीसीटीवी फुटेज से पता चला कि शिकागो की सड़कों पर तीन हमलावरों द्वारा अली का पीछा कर रहे थे.
इस महीने की शुरुआत में ओहियो के सिनसिनाटी में श्रेयस रेड्डी नाम के एक भारतीय छात्र की रहस्यमय मौत ने चिंता बढ़ा दी. उसकी मृत्यु का कारण फिलहाल अज्ञात है. रिपोर्टों से संकेत मिलता है कि रेड्डी लिंडर स्कूल ऑफ बिजनेस में छात्र था. टिप्पेकेनो काउंटी कोरोनर के अनुसार 30 जनवरी को पर्ड्यू विश्वविद्यालय के छात्र नील आचार्य को कई दिनों तक लापता रहने के बाद मृत पाया गया था. इससे पहले एक अन्य भारतीय छात्र विवेक सैनी अमेरिका के जॉर्जिया के लिथोनिया में एक स्टोर के अंदर एक बेघर व्यक्ति द्वारा हथौड़े से बार-बार किए गए क्रूर हमले का शिकार हो गया था. घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, लेकिन घटना की सही तारीख की पुष्टि नहीं की जा सकती.