Talis Sabre 2025: 19 देश और 35 हजार जवान, भारत ने दिखाई ताकत! शुरू हुआ सबसे बड़ा युद्धाभ्यास, चीन ने भेजा जासूसी जहाज

ऑस्ट्रेलिया में चल रहे इस युद्धाभ्यास में 19 देशों के 35 हजार से ज्यादा सैनिक शामिल हैं.ये अभ्यास केवल ताकत दिखाने के लिए नहीं, बल्कि मल्टी-डायमेंशनल युद्ध की तैयारी और सुरक्षा में एक-दूसरे का सहयोग बढ़ाने के लिए किया जा रहा है.

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Reepu Kumari

Talisman Sabre 2025: भारत अब केवल दोस्ती का हाथ नहीं बढ़ा रहा, बल्कि जरूरत पड़ने पर अपनी ताकत भी दुनिया को दिखा रहा है. इसका ताजा उदाहरण है ‘Talisman Sabre 2025’ – जो दुनिया का सबसे बड़ा और सबसे एडवांस सैन्य अभ्यास है.इस बार भारत ने भी इस ग्लोबल अभ्यास में अपनी पूरी सैन्य टुकड़ी के साथ शिरकत की है, जो साफ बताता है कि अब भारत केवल दर्शक नहीं, बल्कि फैसला लेने वालों की कतार में खड़ा है.

ऑस्ट्रेलिया में चल रहे इस युद्धाभ्यास में 19 देशों के 35 हजार से ज्यादा सैनिक शामिल हैं.ये अभ्यास केवल ताकत दिखाने के लिए नहीं, बल्कि मल्टी-डायमेंशनल युद्ध की तैयारी और सुरक्षा में एक-दूसरे का सहयोग बढ़ाने के लिए किया जा रहा है. इस बीच चीन की ओर से भेजे गए जासूसी जहाज ने एक बार फिर नई हलचल पैदा कर दी है.

सबसे बड़ा ग्लोबल सैन्य अभ्यास, भारत की बड़ी भागीदारी

ऑस्ट्रेलिया के इतिहास में पहली बार इतना बड़ा और तकनीकी रूप से उन्नत युद्धाभ्यास हो रहा है. इसमें अमेरिका, जापान, फ्रांस, जर्मनी, भारत समेत 19 देश शामिल हैं.भारत ने इस बार थल सेना, नौसेना और वायु सेना की स्पेशल यूनिट्स को उतारा है, जो अलग-अलग मोर्चों पर युद्ध अभ्यास कर रही हैं.HIMARS मिसाइल लॉन्चिंग से लेकर साइबर और अंतरिक्ष युद्ध तकनीकों पर भी काम हो रहा है.

एक्शन में भारत – लाइव फायर से लेकर रॉकेट सिस्टम तक

भारत की सेनाएं ऑस्ट्रेलियाई सेनाओं के साथ मिलकर लाइव फायर ड्रिल, कोऑर्डिनेटेड बमबारी और मोबाइल रॉकेट लॉन्चिंग कर रही हैं.खास बात ये है कि यह अभ्यास जमीन, समुद्र, आकाश, साइबर और स्पेस – पांचों क्षेत्रों में किया जा रहा है.इससे साफ होता है कि भारत अब सिर्फ सीमाओं की रक्षा नहीं, बल्कि हर स्तर पर तैयार रहना चाहता है.

चीन की नजरें, भारत की नजरबंदी

जहां 19 देश एक साथ युद्ध की तैयारी में जुटे हैं, वहीं चीन ने अपना सर्विलांस जहाज ऑस्ट्रेलिया की तरफ रवाना किया है. रिपोर्ट्स के मुताबिक चीन इस पूरे अभ्यास पर नजर रखने और रणनीतिक जानकारियां जुटाने की कोशिश में है.हालांकि, भारत और उसके साथी देश इस निगरानी को लेकर सतर्क हैं.