इजरायल ने गाजा पर फिर की एयर स्ट्राइक, हमले में 12 फिलिस्तीनियों ने गंवाई जान

Israel Hamas War: गाजा में इजरायली सेना के हमलों में 12 फिलिस्तीनियों की मौत हुई, जिनमें महिलाएं और बच्चे शामिल थे. जबालिया और बुरेज शिविर पर हमले हुए. इजरायल का कहना है कि उसने हमास के लड़ाकों को निशाना बनाया, जबकि हमास रिहायशी इलाकों में छिपा था. गाजा में अब तक 45,000 से अधिक लोग मारे गए हैं, जिनमें अधिकतर महिलाएं और बच्चे हैं.

Shilpa Srivastava

Israel Hamas War: गाजा में इजरायली सेना (आईडीएफ) के हमले लगातार हो रहे हैं. बुधवार को हुए हमलों में 12 फिलिस्तीनियों की मौत हुई, जिनमें ज्यादातर महिलाएं और बच्चे शामिल थे. इजरायली सेना ने गाजा पट्टी, उत्तरी गाजा के जबालिया और मध्य गाजा के बुरेज शिविर को निशाना बनाया. गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि उत्तरी गाजा के जबालिया में एक घर पर हमला किया गया, जिसमें सात लोग मारे गए. मरने वालों में एक महिला और चार बच्चे थे. इसी तरह, बुरेज शरणार्थी शिविर में रात को हुए हमले में एक महिला और एक बच्चे की मौत हुई.

दक्षिणी गाजा के खान यूनिस में हुए एक और हमले में तीन लोगों की जान चली गई. एक व्यक्ति जो इमरजेंसी गाड़ी में एक बच्चे का शव लेकर जा रहा था, उसने कहा, “क्या आप जश्न मना रहे हैं? हम डेढ़ साल से मर रहे हैं.”

इजरायली सेना का बयान: 

इजरायली सेना ने कहा कि उन्होंने हमास के लड़ाकों को निशाना बनाया है. सेना के मुताबिक, हमास ने बुरेज से इजरायल पर रॉकेट दागे थे, जिसके जवाब में सेना ने हमला किया. इजरायल का कहना है कि उनकी सेना केवल आतंकवादियों को निशाना बनाती है और नागरिकों की मौत के लिए हमास जिम्मेदार है क्योंकि उसके लड़ाके रिहायशी इलाकों में छिपते हैं. इजरायली सेना ने बिना सबूत के यह भी दावा किया कि अब तक 17,000 हमास लड़ाकों को मार गिराया गया है.

इजरायल की चेतावनी: 

इजरायल के रक्षा मंत्री इजरायल कैट्ज ने कहा कि अगर हमास ने बंधकों को जल्द रिहा नहीं किया और इजरायल पर हमले बंद नहीं किए तो गाजा को भयानक युद्ध झेलना पड़ेगा.

फिलिस्तीन में भारी नुकसान: 

गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, अब तक 45,000 से ज्यादा फिलिस्तीनी मारे जा चुके हैं. इनमें से आधे से ज्यादा महिलाएं और बच्चे हैं. हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि मरने वालों में कितने लोग हमास के आतंकवादी थे. गाजा में हजारों लोग सर्दियों के मौसम में तट पर तंबुओं में रह रहे हैं. ठंड और बारिश के कारण हालात बिगड़ रहे हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, ठंड की वजह से हाइपोथर्मिया से छह शिशुओं और एक अन्य व्यक्ति की मौत हो गई है.