आयरलैंड में भारतीयों पर बढ़ रहे हमलों पर राष्ट्रपति ने जताई गहरी चिंता, जानें योगदान को लेकर क्या कहा?

आयरलैंड में भारतीय समुदाय पर बढ़ते हमलों की कड़ी निंदा करते हुए राष्ट्रपति माइकल डी हिगिंस ने उनके योगदान की सराहना की है. हाल में हुई कई घटनाओं, जिनमें छह वर्षीय भारतीय बच्ची पर हमला भी शामिल है, ने देशभर में चिंता बढ़ा दी है. राष्ट्रपति और उपप्रधानमंत्री दोनों ने भारतीय समुदाय के समर्थन में बयान जारी किए हैं.

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Kuldeep Sharma

आयरलैंड में पिछले एक महीने से भारतीय समुदाय को निशाना बनाकर हमलों की घटनाएं बढ़ी हैं. इन घटनाओं ने न केवल भारतीय प्रवासियों में असुरक्षा की भावना को जन्म दिया है, बल्कि देश में नस्लीय भेदभाव को लेकर बहस भी छेड़ दी है. राष्ट्रपति माइकल डी हिगिंस और उपप्रधानमंत्री साइमन हैरिस ने इन हमलों की निंदा करते हुए भारतीय समुदाय के योगदान की खुलकर सराहना की है.

मंगलवार को जारी अपने बयान में राष्ट्रपति माइकल डी हिगिंस ने भारतीय समुदाय के प्रति "गहरी कृतज्ञता" व्यक्त की और कहा कि इस समुदाय ने आयरलैंड के चिकित्सा, नर्सिंग, देखभाल, संस्कृति, व्यापार और उद्यम जैसे कई क्षेत्रों में अमूल्य योगदान दिया है. उन्होंने कहा कि हाल ही में भारतीय समुदाय के सदस्यों पर हुए हमले आयरलैंड के मूल्यों के विपरीत हैं और इनकी कड़ी निंदा की जानी चाहिए.

नस्लीय हमलों में मासूम भी निशाना

हालिया हमलों में सबसे चौंकाने वाली घटना छह वर्षीय भारतीय बच्ची पर हमला है, जिसमें एक समूह ने उसे शारीरिक रूप से चोट पहुंचाई और निजी अंगों पर वार किया. राष्ट्रपति हिगिंस ने कहा कि किसी भी व्यक्ति, खासकर बच्चों, को इस तरह के व्यवहार में धकेलना बेहद निंदनीय है, चाहे इसके पीछे अज्ञानता हो या दुर्भावना. उन्होंने चेतावनी दी कि ऐसे कृत्य पूरे समाज को नुकसान पहुंचाते हैं और भारतीय समुदाय के सकारात्मक योगदान को धूमिल करते हैं.

राष्ट्रपति के बयान से पहले सोमवार को आयरलैंड के उपप्रधानमंत्री साइमन हैरिस ने एक्स पर भारतीय समुदाय की "सकारात्मक भूमिका" की प्रशंसा की. उन्होंने प्रतिनिधियों से मुलाकात कर हाल की हिंसक और नस्लीय घटनाओं की निंदा की और भरोसा दिलाया कि सरकार ऐसे मामलों पर सख्त रुख अपनाएगी.

भारतीय दूतावास की चेतावनी

हमलों में बढ़ोतरी को देखते हुए डबलिन स्थित भारतीय दूतावास ने अपने नागरिकों के लिए एडवाइजरी जारी की और आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर साझा किए हैं. जुलाई में ही तीन हमलों की पुष्टि हुई थी, जिनमें हर बार भारतीय नागरिकों को भीड़ ने निशाना बनाकर गंभीर रूप से घायल किया. इन घटनाओं ने न केवल प्रवासी भारतीयों में चिंता पैदा की है, बल्कि आयरलैंड की सामाजिक छवि पर भी सवाल खड़े किए हैं.