गृह युद्ध के बीच सीरिया छोड़ वतन लौट रहे ईरानी सैनिक, क्या इजरायली हमले से डर गए हैं खामेनेई? जानें पूरी वजह
Iranian soldiers in Syria: ईरान ने अपने सैनिकों को सीरिया से वापस बुला लिया है. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या ईरानी सैनिक अब सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद को बीच में छोड़कर लौट जाएंगे. इसकी कई वजहें सामने आ रही हैं, एक वजह इजरायली हमलों से भी जुड़ी है.
Iranian soldiers in Syria: इरान ने हाल के दिनों में सीरिया में अपनी सैन्य उपस्थिति बढ़ाई थी, जहां उसके कई सैनिक और अर्धसैनिक बल स्थित हैं. इस बढ़ती गतिविधि का इजरायल ने विरोध किया और इसे अपनी सुरक्षा के लिए खतरे के रूप में देखा है. इजरायल के द्वारा की जाने वाली हवाई हमलों में इरानी और संबद्ध बलों को निशाना बनाया गया है. ऐसे में, इरान ने अपने नागरिकों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए, सीरिया से उन नागरिकों को निकालने का निर्णय लिया, जो वहां रहकर सैन्य गतिविधियों के बीच फंसे हुए थे.
न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ईरान ने आरोप लगाया है कि जब सीरिया की सेना खुद नहीं लड़ना चाहती तो ईरानी सैनिक कहां तक युद्ध लड़ेंगे. ईरान ने कहा था कि सीरिया के भीतर मचे गृह युद्ध में वह सीरिया की सरकार का सहयोग कर रहा है. घरेलू लड़ाकों से लड़ने के लिए ईरानी सैनिक सीरिया गए थे, लेकिन यह बात इजरायल को नागवार गुजरी और नेतन्याहू ने ईरान को इसके लिए खुली चेतावनी दी. ईरान को सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद के प्रमुख सहयोगी के तौर पर देखा जाता है.
सुरक्षित रास्तों से भाग रहे ईरानी सैनिक
इरान द्वारा उठाए गए इस कदम का उद्देश्य अपने नागरिकों को इजरायल द्वारा होने वाले हमलों से बचाना था. खासकर उन क्षेत्रों में जहां इजरानी सेना की उपस्थिति अधिक है. इस निकासी अभियान के दौरान, इरान ने अपने नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर भेजने के लिए विशेष रूप से सैन्य और हवाई मार्गों का इस्तेमाल किया है. यह कदम उस समय लिया गया है जब सीरिया में युद्ध की स्थिति और तनाव चरम पर है. इजरायल द्वारा किए गए हवाई हमलों के कारण वहां के नागरिकों के लिए जीवन की स्थिति और भी कठिन हो गई है.
कूटनीतिक फैसला लिया ईरान
वहीं, इस घटना ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय के बीच इरान, इजरायल और सीरिया के बीच बढ़ते तनाव को भी उजागर किया है. विशेषज्ञों का मानना है कि यह निकासी अभियान क्षेत्रीय सुरक्षा पर प्रभाव डाल सकता है और संभावित रूप से मध्य पूर्व में संघर्ष को और बढ़ा सकता है. इसके बावजूद, इरान के लिए अपने नागरिकों की सुरक्षा सर्वोपरि है और उसने अपनी कूटनीतिक शक्ति का उपयोग कर उन्हें सुरक्षित स्थानों पर भेजने की योजना बनाई है.
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