ईरान में आर्थिक संकट के बीच प्रदर्शन तेज, फासा में सरकारी इमारत पर हमला, देखें VIDEO!
ईरानी अधिकारियों का कहना है कि बढ़ते आर्थिक दबाव के कारण हो रहे विरोध प्रदर्शनों के बीच दक्षिणी शहर फासा में एक सरकारी इमारत पर हमला किया गया.
नई दिल्लीः ईरानी अधिकारियों का कहना है कि बढ़ते आर्थिक दबाव के कारण हो रहे विरोध प्रदर्शनों के बीच दक्षिणी शहर फासा में एक सरकारी इमारत पर हमला किया गया. वहीं अधिकारी जोर दे रहे हैं कि अशांति सीमित है और नियंत्रण में है.
चार संदिग्धों को गिरफ्तार किया
न्याय मंत्रालय के अनुसार, बुधवार को कई लोगों ने प्रांतीय गवर्नर के कार्यालय के कुछ हिस्सों को नुकसान पहुंचाया. फासा के न्यायपालिका प्रमुख हामिद ओस्तोवर ने कहा कि "कुछ लोगों के हमले में गवर्नर कार्यालय के दरवाजे का एक हिस्सा और उसका शीशा तोड़ दिया गया" और बताया कि पुलिस के दखल के बाद चार संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया. उन्होंने कहा कि तीन पुलिस अधिकारी घायल हुए हैं और ऑनलाइन चल रही उन खबरों को खारिज कर दिया कि एक प्रदर्शनकारी मारा गया है, ऐसे दावों को "अफवाह" बताया.
परमाणु कार्यक्रम के कारण दबाव में ईरान
ईरान की अर्थव्यवस्था अपने परमाणु कार्यक्रम से जुड़े अमेरिकी और अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों के कारण सालों से गंभीर दबाव में है. पिछले एक साल में रियाल ने अपनी एक तिहाई से ज्यादा कीमत खो दी है, जिससे आयात लागत बढ़ गई है और खुदरा विक्रेताओं पर दबाव पड़ा है. दिसंबर में आधिकारिक तौर पर महंगाई 50 प्रतिशत से ऊपर थी.
प्रमुख चौराहों और विश्वविद्यालयों के आसपास सुरक्षा बल तैनात
तेहरान में प्रमुख चौराहों और विश्वविद्यालयों के आसपास सुरक्षा बल तैनात किए गए थे, और प्रमुख सड़कों पर पानी की तोप वाली गाड़ियां देखी गईं. अधिकारियों ने ठंड के मौसम और ऊर्जा बचाने का हवाला देते हुए आखिरी समय में बैंक और स्कूलों की छुट्टी की भी घोषणा की. राष्ट्रपति मसूद पेज़ेशकियन ने कहा कि उन्होंने अधिकारियों से प्रदर्शनकारियों की "वैध मांगों" पर बातचीत करने के लिए कहा है, जबकि अशांति का फायदा उठाने के प्रयासों के खिलाफ चेतावनी दी है.
कई दिनों से हो रहे विरोध प्रदर्शन
यह घटना बढ़ती कीमतों, मुद्रा अवमूल्यन और आर्थिक ठहराव पर गुस्से के कारण कई दिनों से हो रहे विरोध प्रदर्शनों के बाद हुई है. प्रदर्शन रविवार को तेहरान के सबसे बड़े मोबाइल फोन बाजार में शुरू हुए, जहां दुकानदारों ने विरोध में अपनी दुकानें बंद कर दीं. इसके बाद यह राजधानी और अन्य शहरों, जिनमें इस्फ़हान, यज़्द और जंजन शामिल हैं. विश्वविद्यालयों के छात्रों तक फैल गया. हालांकि विरोध प्रदर्शन जारी हैं, लेकिन वे अपेक्षाकृत छोटे रहे हैं और काफी हद तक मध्य तेहरान तक ही सीमित हैं.