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इजरायल को उकसा रहा ईरान, जंग के बीच 20 साल के यहूदी को फांसी पर लटकाया

घाहरेमानी की फांसी ने ईरान के अंदर और बाहर के कई लोगों को हैरान किया है, जहां मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने इस कदम की कड़ी निंदा की है. उन्होंने ईरान सरकार पर आरोप लगाया है कि वह आंतरिक विरोध को दबाने और अपनी शक्ति को बनाए रखने के लिए ऐसे कठोर कदम उठा रही है.

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Edited By: India Daily Live
Arvin Nathaniel Ghahremani

Iran Israel War: ईरान ने हाल ही में यहूदी नागरिक आर्विन घाहरेमानी को फांसी दे दी है, जो इजराइल के साथ बढ़ते तनाव के बीच एक महत्वपूर्ण घटना मानी जा रही है. घाहरेमानी को ईरान की अदालत ने आतंकवाद से जुड़े आरोपों में दोषी ठहराया था, जिसमें इजराइल की खुफिया एजेंसी मोसाद के साथ सहयोग करने का भी आरोप लगाया गया था.

ईरान ने घाहरेमानी को बताया था राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा

ईरान के न्याय मंत्रालय ने पुष्टि की है कि घाहरेमानी को उनके कृत्यों के लिए दंडित किया गया है, जिसे ईरान सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बताया. यह फांसी ऐसे समय में दी गई है जब इजराइल और फिलिस्तीन के बीच जारी संघर्ष ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान खींचा है.

मानवाधिकार संगठनों ने लगाया भेदभाव का आरोप
ईरान में यहूदी समुदाय को एक छोटे लेकिन ऐतिहासिक समुदाय के रूप में जाना जाता है. ईरानी अधिकारियों के अनुसार, घाहरेमानी के मामलों को राजनीतिक कारणों से नहीं देखा जाना चाहिए, लेकिन मानवाधिकार संगठनों ने इसे एक संभावित भेदभाव के रूप में देखा है.

यह आंतरिक विरोध को दबाने का प्रयास
घाहरेमानी की फांसी ने ईरान के अंदर और बाहर के कई लोगों को हैरान किया है, जहां मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने इस कदम की कड़ी निंदा की है. उन्होंने ईरान सरकार पर आरोप लगाया है कि वह आंतरिक विरोध को दबाने और अपनी शक्ति को बनाए रखने के लिए ऐसे कठोर कदम उठा रही है.

मानवाधिकारों का सम्मान करे ईरान
ईरान के यहूदी समुदाय की स्थिति को देखते हुए, इस घटना ने उनके प्रति बढ़ती चिंता को उजागर किया है. अब सवाल उठता है कि क्या ईरान में रहने वाले अन्य यहूदी नागरिक भी ऐसे खतरों का सामना कर रहे हैं. इस मामले पर अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया भी देखने को मिली है, जहां कई देशों ने ईरान से मानवाधिकारों का सम्मान करने की अपील की है.