Iran Israel War: ईरान ने हाल ही में यहूदी नागरिक आर्विन घाहरेमानी को फांसी दे दी है, जो इजराइल के साथ बढ़ते तनाव के बीच एक महत्वपूर्ण घटना मानी जा रही है. घाहरेमानी को ईरान की अदालत ने आतंकवाद से जुड़े आरोपों में दोषी ठहराया था, जिसमें इजराइल की खुफिया एजेंसी मोसाद के साथ सहयोग करने का भी आरोप लगाया गया था.
ईरान ने घाहरेमानी को बताया था राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा
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— Yashar Ali 🐘 (@yashar) November 4, 2024
Arvin Ghahremani, an Iranian Jewish man accused of murdering a Muslim man, has been executed by the Islamic Republic of Iran.
Months ago, there was a major push by human rights organizations and Jewish organizations to help Ghahremani, as his family consistently… pic.twitter.com/jSduxvjs8w
मानवाधिकार संगठनों ने लगाया भेदभाव का आरोप
ईरान में यहूदी समुदाय को एक छोटे लेकिन ऐतिहासिक समुदाय के रूप में जाना जाता है. ईरानी अधिकारियों के अनुसार, घाहरेमानी के मामलों को राजनीतिक कारणों से नहीं देखा जाना चाहिए, लेकिन मानवाधिकार संगठनों ने इसे एक संभावित भेदभाव के रूप में देखा है.
In the midst of the threats of war with #Israel, the Islamic Republic executed #Arvin_Ghahremani, an Iranian Jewish citizen, today. Like many of those sentenced to qisas (retribution), Arvin's case and the judicial process had significant flaws. However, in addition to this,… pic.twitter.com/6Tibwj1ezL
— Mahmood Amiry-Moghaddam (@iranhr) November 4, 2024
यह आंतरिक विरोध को दबाने का प्रयास
घाहरेमानी की फांसी ने ईरान के अंदर और बाहर के कई लोगों को हैरान किया है, जहां मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने इस कदम की कड़ी निंदा की है. उन्होंने ईरान सरकार पर आरोप लगाया है कि वह आंतरिक विरोध को दबाने और अपनी शक्ति को बनाए रखने के लिए ऐसे कठोर कदम उठा रही है.
मानवाधिकारों का सम्मान करे ईरान
ईरान के यहूदी समुदाय की स्थिति को देखते हुए, इस घटना ने उनके प्रति बढ़ती चिंता को उजागर किया है. अब सवाल उठता है कि क्या ईरान में रहने वाले अन्य यहूदी नागरिक भी ऐसे खतरों का सामना कर रहे हैं. इस मामले पर अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया भी देखने को मिली है, जहां कई देशों ने ईरान से मानवाधिकारों का सम्मान करने की अपील की है.