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India Daily

पुतिन की भारत यात्रा से पहले लावरोव और जयशंकर की हुई मीटिंग, जानें किन मुद्दों पर हुई चर्चा

भारत और रूस पुतिन की भारत यात्रा से पहले कई महत्वपूर्ण करारों को अंतिम रूप देने में जुटे हैं. जयशंकर और लावरोव की बैठक में ऊर्जा, परियोजनाओं, वैश्विक परिस्थितियों और शांति प्रयासों पर चर्चा हुई.

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Edited By: Km Jaya
S Jaishankar Sergey Lavrov Meeting India daily
Courtesy: @DrSJaishankar x account

नई दिल्ली: भारत और रूस के बीच कूटनीतिक गतिविधियां तेजी से बढ़ रही हैं क्योंकि अगले महीने रूसी राष्ट्रपति पुतिन भारत आने वाले हैं. इसी को ध्यान में रखते हुए दोनों देश कई महत्वपूर्ण समझौतों और परियोजनाओं को अंतिम रूप देने में जुटे हैं. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को बताया कि रूस में शंघाई सहयोग संगठन की बैठक के दौरान उनकी रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से महत्वपूर्ण बातचीत हुई है. 

जयशंकर ने कहा कि पुतिन की आगामी यात्रा को देखते हुए यह बैठक और भी अहम है. जयशंकर ने बताया कि ये बातचीत दोनों देशों की विशेष और रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करेंगे और इसमें नई गहराई और ऊर्जा जोड़ेंगे. यह बैठक ऐसे समय में हुई है जब अमेरिका ने भारत पर रूस से ऊर्जा और सैन्य उपकरणों की खरीद कम करने का दबाव बढ़ा दिया है.

एलपीजी आयात को लेकर क्या घोषणा हुई?

अमेरिका की यह कोशिश यूक्रेन युद्ध को खत्म करने के लिए रूस पर आर्थिक दबाव बढ़ाने का हिस्सा मानी जा रही है. रिपोर्ट्स के अनुसार हाल के हफ्तों में भारत द्वारा रूसी कच्चे तेल की खरीद में कमी आई है. भारत ने सोमवार को यह भी बताया कि उसकी सरकारी कंपनियों ने अमेरिका से 2.2 एमटीपीए एलपीजी आयात करने का एक साल का समझौता किया है.

भारत-रूस संबंधों की क्या है विशेषता?

हालांकि जयशंकर ने स्पष्ट कहा कि भारत रूस संबंध हमेशा अंतरराष्ट्रीय स्थिरता का केंद्र रहे हैं. उनका कहना था कि दोनों देशों के रिश्तो का विस्तार और विकास न केवल भारत और रूस के हित में है बल्कि पूरी दुनिया के लिए सकारात्मक है. उन्होंने कहा कि भारत रूस के बीच लंबे समय से विश्वास, सहयोग और रणनीतिक समझ बनी हुई है जो वैश्विक परिस्थितियों में स्थिरता का आधार प्रदान करती है.

किन-किन मुद्दों पर हुई चर्चा?

बातचीत के दौरान दोनों नेताओं ने विश्व की जटिल परिस्थिति पर भी खुलकर चर्चा की. इसमें यूक्रेन संघर्ष, मध्य पूर्व की स्थिति और अफगानिस्तान का मुद्दा शामिल था. जयशंकर ने कहा कि भारत शांति कायम करने के हालिया प्रयासों का समर्थन करता है और उम्मीद करता है कि सभी पक्ष रचनात्मक तरीके से आगे बढ़ेंगे. उन्होंने कहा कि संघर्ष का जल्दी अंत और स्थायी शांति स्थापित होना पूरी अंतरराष्ट्रीय समुदाय के हित में है.

सर्गेई लावरोव ने क्या बताया?

रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने भारत को रूस का शीर्ष प्राथमिकता वाला साझेदार बताया. लावरोव ने कहा कि रूस भारत के साथ आर्थिक सहयोग को मजबूत करने के लिए विशेष उपायों पर काम कर रहा है. उन्होंने यह भी कहा कि दोनों देश ऐसी व्यवस्थाएं बना रहे हैं जिससे व्यापार पश्चिमी प्रतिबंधों के कारण प्रभावित न हो. भारत और रूस की यह सक्रिय कूटनीतिक बातचीत आगामी पुतिन मोदी शिखर बैठक को लेकर उत्सुकता बढ़ा रही है.