नई दिल्ली: G20 समिट में इस बार भारत की कूटनीति एक अलग स्तर पर दिखाई दी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई देशों के नेताओं से मुलाकात की और एक साथ कई महत्वपूर्ण समझौते आगे बढ़ाए है. सबसे अहम मीटिंग कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी के साथ रही जिसमें दोनों नेताओं ने संबंधों को गहरा करने और ट्रेड इन्वेस्टमेंट टेक्नोलॉजी और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में मिलकर काम करने पर सहमति जताई.
दोनों देशों ने 2030 तक बाइलेटरल ट्रेड को 50 बिलियन डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य तय किया है. यह आंकड़ा फिलहाल लगभग 30 बिलियन डॉलर के आसपास है. यह कदम दोनों देशों के बीच आर्थिक रिश्तों को नई ऊर्जा देगा.
मीटिंग के बाद PM मोदी ने कहा कि भारत और कनाडा के रिश्तों में पिछले कुछ महीनों में काफी तेजी आई है. उन्होंने बताया कि ट्रेड इन्वेस्टमेंट और टेक्नोलॉजी से जुड़े कई नए अवसर दोनों देशों के सामने हैं. मोदी ने यह भी बताया कि कनाडा के बड़े पेंशन फंड भारतीय कंपनियों में बड़ी दिलचस्पी दिखा रहे हैं और भारत इन निवेशों का स्वागत करता है.
भारत और कनाडा केवल आर्थिक संबंधों तक सीमित नहीं रहेंगे. दोनों नेताओं ने डिफेंस और स्पेस सेक्टर में सहयोग बढ़ाने का निर्णय लिया. जॉइंट रिसर्च और टेक्नोलॉजी ट्रांसफर दोनों देशों को नई दिशा दे सकते हैं. यह मीटिंग उस दिन के बाद हुई जब भारत ऑस्ट्रेलिया और कनाडा ने मिलकर एक ट्राइलेटरल टेक्नोलॉजी और इनोवेशन पार्टनरशिप की घोषणा की थी.
विदेश मंत्रालय ने बताया कि दोनों देशों ने एक बड़े इकोनॉमिक पार्टनरशिप एग्रीमेंट पर बातचीत को दोबारा शुरू करने पर सहमति जताई है. CEPA दोनों देशों को लंबी अवधि में स्थिर और मजबूत व्यापारिक रिश्ते देगा.
कनाडा के अलावा PM मोदी ने इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी से भी मुलाकात की है. दोनों नेताओं ने टेरर फाइनेंसिंग से निपटने के लिए एक जॉइंट इनिशिएटिव अपनाया. मोदी ने कहा कि इंडिया इटली स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप लगातार मजबूत हो रही है और यह नए क्षेत्रों में तेजी से आगे बढ़ रही है. मेलोनी ने दिल्ली में हुई आतंकी घटना पर भारत के साथ एकजुटता भी दिखाई.
MEA ने कहा कि यह जॉइंट इनिशिएटिव भारत और इटली के सहयोग को FATF और GCTF जैसे अंतरराष्ट्रीय प्लेटफॉर्म पर भी मजबूत करेगा.