नई दिल्ली: पेरिस में फ्रांस और यूक्रेन ने सोमवार को एक ऐतिहासिक रक्षा समझौते पर हस्ताक्षर किए, जिसमें यूक्रेन को 100 Rafale लड़ाकू विमान, ड्रोन और उन्नत वायु रक्षा प्रणाली प्राप्त करने का विकल्प मिलेगा. राष्ट्रपति मैक्रॉन ने दीर्घकालिक समर्थन पर जोर दिया, जबकि राष्ट्रपति जेलेंस्की ने इसे ऐतिहासिक बताया.
समझौते के अनुसार विमान युद्ध के बाद सप्लाई होंगे, जिससे यूक्रेन की सेना को मजबूत और सक्षम बनाने का संकेत मिलता है. दोनों नेता ने साथ ही कई सुरक्षा और सुधार पहल की बात भी की.
इस समझौते के तहत फ्रांस के बेहतरीन Rafale लड़ाकू विमान अगले 10 वर्षों में यूक्रेन को दिए जाएंगे. वहीं, ड्रोन, रडार और इंटरसेप्टर का प्रोडक्शन इस साल ही शुरू किया जाएगा. मैक्रॉन ने कहा कि ये उपकरण यूक्रेन को रूस से किसी भी नई घुसपैठ को रोकने में सक्षम बनाएंगे. इस समझौते से यह स्पष्ट होता है कि यूक्रेन की सैन्य क्षमताओं को दीर्घकालिक नजरिए से मजबूत किया जाएगा.
जेलेंस्की के फ्रांस आगमन के समय यूक्रेन कई संकटों से जूझ रहा है. रूस की सेनाएं पोक्रोव्स्क की ओर बढ़ रही हैं और लगातार हवाई हमले हो रहे हैं. देश में भ्रष्टाचार के मामले भी सामने आए हैं. मैक्रॉन ने रूस को युद्ध जारी रखने और इसे बढ़ाने के लिए जिम्मेदार ठहराया, जबकि शांति की संभावना पर 2027 तक आशावादी नजरिया रखा.
समझौते में 100 Rafale विमान के साथ-साथ SAMP-T वायु रक्षा प्रणाली, रडार और ड्रोन के विकास का भी प्रावधान है. यूक्रेन ने पहले ही स्वीडिश Gripen जेट खरीदने का इरादा जताया है. फ्रांस अपने बजट और यूरोपीय संघ के संयुक्त वित्तीय साधनों का उपयोग करके इस समझौते को वित्तीय रूप से समर्थित करेगा.
मैक्रॉन ने कहा कि युद्ध के बाद भी यूक्रेन की सेना को मजबूत बनाना आवश्यक होगा, ताकि वह किसी भी नई घुसपैठ को रोक सके. उन्होंने जोर दिया कि मजबूत सेना के बिना स्थायी शांति संभव नहीं. यह समझौता केवल हथियारों की बिक्री नहीं, बल्कि दीर्घकालिक सुरक्षा और मजबूती की दिशा में एक कदम है.
जेलेंस्की ने भ्रष्टाचार के मामलों पर कदम उठाए, दो मंत्रियों को इस्तीफा देने का आदेश दिया और पूर्व सहयोगी पर प्रतिबंध लगाए. मैक्रॉन ने कहा कि यूक्रेन का यूरोपीय संघ में शामिल होना सुधारों और शासन, भ्रष्टाचार विरोधी कदमों की मांग करता है. दोनों नेताओं ने शांति और सुरक्षा के लिए संयुक्त रणनीति पर भी चर्चा की.
दोनों नेता पेरिस में Mont Valerien का दौरा भी किया, जहां फ्रांस और ब्रिटेन भविष्य में यूक्रेन में तैनात होने वाली अंतरराष्ट्रीय सेना का मुख्यालय तैयार कर रहे हैं. समझौता ऐतिहासिक है और यह स्पष्ट करता है कि फ्रांस यूक्रेन के दीर्घकालिक सैन्य और रणनीतिक सहयोग के लिए प्रतिबद्ध है.