'शर्त मानो या फिर लड़ते रहो...', डोनाल्ड ट्रंप ने दिया अल्टीमेटम; क्या झुकेंगे जेलेंस्की?
ट्रंप ने यूक्रेन को 27 नवंबर तक शांति प्रस्ताव पर फैसला करने की डेडलाइन दी है. यूरोपीय देशों ने इसकी शर्तों पर चिंता जताई है. अमेरिकी उपराष्ट्रपति वेंस ने आलोचकों पर पलटवार किया है.
नई दिल्ली: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यूक्रेन पर अपने नए शांति प्रस्ताव को लेकर कड़ा संदेश दिया है और साफ कहा है कि यह उनका अंतिम ऑफर नहीं है लेकिन यूक्रेन को जल्द फैसला लेना होगा. ट्रंप ने यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की को 27 नवंबर तक की डेडलाइन दी है और चेतावनी दी है कि अगर यूक्रेन समझौते पर हस्ताक्षर नहीं करता तो अमेरिका का समर्थन कमजोर हो सकता है.
इस प्रस्ताव पर यूरोपीय देशों ने भी चिंता जताई है क्योंकि इसमें यूक्रेन की सेना को आधा करने, सीमाओं में बड़े बदलाव और कई विवादित शर्तों का जिक्र है. ट्रंप ने शनिवार को ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर से फोन पर बात की. दोनों नेताओं ने बातचीत को रचनात्मक बताया. यूरोपीय देशों को लग रहा है कि ट्रंप का यह प्लान यूक्रेन के लिए काफी कठिन साबित हो सकता है.
कीर स्टार्मर ने क्या कहा?
स्टार्मर ने कहा कि यह एक ऐसा प्रस्ताव है जिस पर और काम करने की आवश्यकता है. वहीं दूसरी ओर यूक्रेन को साफ चेतावनी दी गई है कि उसे हकीकत समझनी होगी और अमेरिका और रूस द्वारा तैयार प्लान पर सहमत होना होगा. अगर ऐसा नहीं हुआ तो यूक्रेन को समर्थन में भारी कमी देखने को मिल सकती है.
यूक्रेन की ओर से क्या कहा गया?
यूक्रेन की ओर से रुस्तम उमेरोव ने पुष्टि की है कि अगले हफ्ते जिनेवा में अमेरिका, यूरोप और यूक्रेन के बीच महत्वपूर्ण बैठक होने जा रही है. इस बैठक में आगे की बातचीत के लिए एक नया ढांचा तैयार करने की कोशिश की जाएगी. रिपोर्ट के अनुसार इस बैठक में अमेरिका की ओर से विदेश मंत्री मार्को रुबियो, व्हाइट हाउस एनवॉय स्टीव विटकॉफ और आर्मी सेक्रेटरी डैन ड्रिस्कॉल शामिल होंगे.
जे डी वेंस ने क्या कहा?
इसी बीच अमेरिकी उपराष्ट्रपति जे डी वेंस ने आलोचकों पर करारा पलटवार किया है. वेंस ने कहा कि कुछ नेता फैंटेसी लैंड में जी रहे हैं और उन्हें समझना चाहिए कि ज्यादा पैसा, ज्यादा हथियार या ज्यादा प्रतिबंध लगाने से युद्ध नहीं जीता जा सकता. यह बयान सीधे उन यूक्रेनी नेताओं की तरफ इशारा था जो युद्ध खत्म करने के लिए कड़े कदमों की मांग कर रहे हैं.
अमेरिकी प्रस्ताव में क्या आया सामने?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अमेरिकी प्रस्ताव पढ़कर कई यूक्रेनी अधिकारी हैरान रह गए क्योंकि इसमें यूक्रेन को कई इलाकों का दावा छोड़ना होगा, NATO में शामिल न होने का वादा करना होगा और रूस के खिलाफ युद्ध अपराधों की मांग को समाप्त करना होगा.
हालांकि इस प्रस्ताव में अमेरिका और यूरोपीय देशों ने यूक्रेन को ऐतिहासिक सुरक्षा गारंटी देने का सुझाव भी दिया है जो NATO के आर्टिकल 5 जैसा होगा. ट्रंप ने साफ कहा कि यह अंतिम प्रस्ताव नहीं है और अगर जेलेंस्की इनकार करते हैं तो वह अपनी पूरी ताकत से लड़ते रह सकते हैं.
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