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कौन हैं फ्रेंकोइस बायरू? जिन्हें फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों ने नियुक्त किया नया प्रधानमंत्री

फ्रांस में राजनीतिक असमंजस और वित्तीय दबाव दोनों बढ़ रहे हैं. ऐसे में नए प्रधानमंत्री फ्रेंकोइस बायरू के सामने देश की आर्थिक स्थिति और राजनीतिक स्थिरता को सुधारने की बड़ी चुनौती होगी. उन्हें अपनी सरकार को मजबूत करने और जरूरी आर्थिक सुधारों को लागू करने के लिए कठिन फैसले लेने होंगे.

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Edited By: Mayank Tiwari
Francois Bayrou
Courtesy: Social Media

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने शुक्रवार (13 दिसंबर) को फ्रेंकोइस बायरू को अपना नया प्रधानमंत्री नियुक्त किया है. यह कदम तब उठाया गया है जब पिछले हफ्ते मिशेल बार्नियर की सरकार के गिरने के बाद देश में राजनीतिक असमंजस जारी रहने की उम्मीद है. दरअसल, बायरू, इस साल के चौथे प्रधानमंत्री होंगे, जब बार्नियर ने 5 दिसंबर को ऐतिहासिक अविश्वास प्रस्ताव के बाद इस्तीफा दे दिया. यह प्रस्ताव विपक्षी दलों के बीच अप्रत्याशित गठबंधन के कारण पास हुआ, जिसमें वामपंथी और दक्षिणपंथी पार्टियां एकजुट हो गई थीं.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों को उम्मीद थी कि वह बार्नियर के इस्तीफे के एक दिन बाद नए प्रधानमंत्री का नाम घोषित करेंगे, लेकिन देश में चल रही राजनीतिक गतिरोध के संकेत के तौर पर यह फैसला इस हफ्ते तक स्थगित कर दिया गया. राष्ट्रपति मैक्रों ने मंगलवार को पार्टी नेताओं की बैठक में 48 घंटे के भीतर प्रधानमंत्री नियुक्त करने का वादा किया था, लेकिन वह भी पूरा नहीं हो सका था.

1962 के बाद पहली बार फ्रांसीसी सरकार को सत्ता से होना पड़ा बाहर

प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार की देरी का कारण फ्रांस की राजनीति में जारी अस्थिरता को दिखाता है, जिसमें इस गर्मी में हुए अनिर्णायक संसदीय चुनाव और फ्रांसीसी राजकोषीय घाटे को लेकर बढ़ती चिंता शामिल है. मैक्रों ने जून और जुलाई में जल्दी चुनाव बुलाए थे, ताकि अपने सेंट्रिस्ट गठबंधन की राष्ट्रीय सभा में स्थिति मजबूत कर सकें, लेकिन परिणामस्वरूप उनका प्रभाव कम हुआ और सत्ता का आधार कमजोर पड़ा.

पिछले हफ्ते हुए अविश्वास प्रस्ताव में 2025 के बजट पर लंबे समय से चल रहे विवाद के बाद न्यू पॉपुलर फ्रंट (NFP) और मारिन ले पेन की राष्ट्रीय रैली (RN) ने बार्नियर की सरकार के खिलाफ प्रस्ताव का समर्थन किया. यह 1962 के बाद पहली बार था जब किसी फ्रांसीसी सरकार को सत्ता से बाहर किया गया.

फ्रेंकोइस बायरू के लिए नए बजट विवाद पर रहेंगी चुनौतियां

फ्रांस के नए प्रधानमंत्री फ्रेंकोइस बायरू को वही पुरानी चुनौतियां झेलनी होंगी, जिनका सामना उनके पूर्ववर्ती बार्नियर को करना पड़ा था. दरअसल, फ्रांस के दोनों प्रमुख राजनीतिक ध्रुव, वामपंथ और दक्षिणपंथ, 2025 के बजट को लेकर नए सरकार को अपने एजेंडों के तहत परेशान करेंगे.

जिसमें राष्ट्रीय रैली, पेंशन बढ़ाने, दवाओं की पुनर्भुगतान योजनाओं में कटौती रोकने और यूरोपीय संघ के बजट में योगदान घटाने की मांग कर रही है. वहीं, न्यू पॉपुलर फ्रंट सार्वजनिक खर्च बढ़ाने और सुपर-प्रॉफिट और अमीरों पर कर बढ़ाने का समर्थन कर रहा है.