अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने लॉस एंजिल्स में प्रदर्शनकारियों को सख्त चेतावनी दी है. उन्होंने कहा कि अगर कोई प्रदर्शनकारी पुलिस या सैनिकों पर थूकेगा, तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे. यह बयान रविवार, 8 जून 2025 को तब आया, जब ट्रंप ने इमिग्रेशन छापों के खिलाफ हो रहे विरोध प्रदर्शनों को नियंत्रित करने के लिए लॉस एंजिल्स में 2,000 नेशनल गार्ड सैनिकों को तैनात किया. आइए, इस मामले को विस्तार से समझते हैं.
न्यू जर्सी में पत्रकारों से बात करते हुए ट्रंप ने नेशनल गार्ड की तैनाती का बचाव किया. उन्होंने कहा, “प्रदर्शनकारी पुलिस और सैनिकों पर थूक रहे हैं, यह उनकी नई हरकत है. वे पास आकर उनके चेहरे पर थूकते हैं और इससे भी बदतर चीजें फेंकते हैं. मैंने साफ कह दिया है—कोई भी हमारे पुलिस या सैनिकों पर थूक नहीं सकता. अगर ऐसा हुआ, तो उन्हें कड़ी सजा मिलेगी.” ट्रंप ने इसे “थूकने वालों पर प्रहार” की नीति बताया.
इमिग्रेशन छापों से शुरू हुआ विवाद
लॉस एंजिल्स में विरोध प्रदर्शन तब शुरू हुए, जब अमेरिकी इमिग्रेशन एंड कस्टम्स एनफोर्समेंट (ICE) ने शुक्रवार को शहर के कई हिस्सों में छापेमारी की. इन छापों में 118 लोगों को हिरासत में लिया गया. शनिवार को प्रदर्शन और तेज हो गए, खासकर लॉस एंजिल्स के परमाउंट क्षेत्र में, जहां ज्यादातर लैटिनो आबादी रहती है. प्रदर्शनकारियों ने सड़कों पर आगजनी की, पत्थर फेंके, और कुछ ने मेक्सिकन झंडे लहराए. पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस और फ्लैश-बैंग ग्रेनेड का इस्तेमाल किया.
नेशनल गार्ड की तैनाती
ट्रंप ने शनिवार रात एक राष्ट्रपति आदेश पर हस्ताक्षर कर 2,000 नेशनल गार्ड सैनिकों को लॉस एंजिल्स भेजा. व्हाइट हाउस की प्रवक्ता कैरोलिन लेविट ने कहा कि यह तैनाती “लॉस एंजिल्स में फैली अराजकता” को रोकने के लिए जरूरी थी. हालांकि, कैलिफोर्निया के गवर्नर गेविन न्यूसम और लॉस एंजिल्स की मेयर कैरेन बास ने इस कदम की निंदा की और इसे “अनावश्यक और भड़काऊ” बताया. न्यूसम ने इसे “राज्य की संप्रभुता का उल्लंघन” करार देते हुए ट्रंप से सैनिकों को वापस बुलाने की मांग की.
सैन्य कार्रवाई की संभावना
रक्षा सचिव पीट हेग्सेथ ने चेतावनी दी कि अगर हिंसा जारी रही, तो पास के कैंप पेंडलटन से नियमित मरीन सैनिकों को भी तैनात किया जा सकता है. उन्होंने कहा, “मरीन सैनिक हाई अलर्ट पर हैं.” हालांकि, ट्रंप ने अभी तक 1807 के इन्सरेक्शन एक्ट का इस्तेमाल नहीं किया है, जो राष्ट्रपति को नागरिक अशांति दबाने के लिए सैन्य बल तैनात करने की अनुमति देता है. ट्रंप ने कहा, “यह इस बात पर निर्भर करता है कि क्या यह अशांति विद्रोह की शक्ल लेती है. हम स्थिति पर करीब से नजर रख रहे हैं.”