'नहीं माने तो झेलनी पड़ सकती है तबाही', डोनाल्ड ट्रंप ने हमास को दिया आज शाम 6 बजे तक का अल्टीमेटम
इजराइल और हमास के बीच शांति स्थापित करने हेतु बनाए गए प्लान को लागु करने के लिए डोनाल्ड ट्रम्प ने हमास को आज शाम 6 बजे तक अल्टीमेटम दिया है, और स्पष्ट चेतावनी दी है कि अगर उसने डील पर सहमति नहीं जताई तो उसे कठोर कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा.
Donald Trump: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प इन दिनों इज़राइल और हमास के बीच जारी जंग को ख़त्म करने के प्रयासों में जुटे हुए हैं. उन्होंने शांति स्थापित करने के लिए 20 पॉइंट का एक्शन प्लान तैयार किया है, जिसको लेकर इज़राइल और हमास के बीच आपसी सहमति बनाने की कोशिश की जा रही है. रिपोर्ट्स के मुताबिक इस एक्शन प्लान को लागु करने के लिए इज़राइल तैयार है, लेकिन हमास ने इस प्लान को लेकर अभी तक कोई साकारात्मक रुख नहीं दिखाया है. वही अब ट्रम्प ने हमास को आज शाम 6 बजे तक अल्टीमेटम दिया है, और स्पष्ट चेतावनी दी है कि अगर उसने डील पर सहमति नहीं जताई तो उसे कठोर कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा.
गौरतलब है कि अक्टूबर 2023 के बाद से हमास के खिलाफ इज़राइल की सैन्य कार्रवाई लगातार जारी है, जिससे गाज़ा पट्टी मलबों के ढेर में तब्दील हो चूका है. हज़ारों की संख्या में जहां लोग हताहत हुए हैं वही आबादी का एक बड़ा हिस्सा अब भुखमरी का सामना कर रहा है. इज़राइल ने सैन्य कार्रवाई हमास के उस एक्शन के विरुद्ध शुरू किया, जब हमास ने इज़राइली नागरिकों को मौत के घाट उतार दिया और बड़ी संख्या में इज़राइली नागरिकों को बंधक बनाकर ले गए. वही अब डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा हमास और इज़राइल के बीच जारी जंग को रोकने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं, जिसपर दुनिया भर की निगाहें टिकी हुई है.
हमास को ट्रम्प के अल्टीमेटम के मायने क्या हैं ?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ट्रम्प ने इज़राइल और हमास के बीच जारी जंग को लेकर जो एक्शन प्लान तैयार किया है, उस पर इज़राइल ने तो सहमति जता दी है, लेकिन हमास की तरफ से कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है. ऐसे में ट्रम्प ने हमास को स्पष्ट चेतावनी दी है कि अगर उसने डील पर सहमति नहीं जताई तो उसे कठोर कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा. इसके लिए उन्होंने हमास रविवार शाम 6 बजे का समय दिया है. माना जा रहा है कि ट्रम्प के इस अल्टीमेटम को अगर हमास नज़रअंदाज़ करता है तो उसे इज़राइल के बाद अब अमेरिकी हमले का भी सामना करना पड़ सकता है और वहां के हालात और अधिक बिगड़ सकते हैं.
किन्न मुद्दों को लेकर फंसा है पेंच ?
दरअसल, ट्रंप के प्रस्ताव में एक अंतरराष्ट्रीय ट्रांजिशन बॉडी बनाने की बात कही गई है, जबकि गाजा के राजनीतिक भविष्य को लेकर हमास को आपत्ति है और उसका कहना है कि गाजा की सत्ता किसी स्वतंत्र फिलिस्तीनी तकनीकी सरकार के हाथों में दी जानी चाहिए. अमेरिकी प्रस्ताव में हमास को अपने हथियार छोड़ने की शर्त भी शामिल है, जबकि हमास ने साफ किया है कि वो इजराइली सेना की पूरी और अंतिम वापसी की मांग करता है. ट्रंप के शांति प्रस्ताव में भविष्य की गाजा सरकार में हमास की कोई भूमिका नहीं होने की बात कही गई है. हालांकि, संगठन ने इस को न तो स्वीकार किया है और न ही इसे पूरी तरह से खारिज किया है.
और पढ़ें
- आरएटी की तैनाती के बाद एयर इंडिया का विमान AI117 बर्मिंघम में सुरक्षित उतरा; दिल्ली की वापसी उड़ान जांच के लिए रद्द
- Georgia Protest: नेपाल और बांग्लादेश की तरह जॉर्जिया में सड़कों पर उतरे लोग, हिंसक प्रदर्शन से बिगड़े हालात
- रूस ने फिर दिखाई भारत से 'वफादारी', पाकिस्तान को 'ठेंगा' दिखाते हुए JF-17 फाइटर जेट के इंजन देने से किया इनकार