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India Daily

'ईरान का नामोनिशान मिटा देंगे, कुछ भी नहीं बचेगा', डोनाल्ड ट्रंप ने मुस्लिम देश को खत्म करने की क्यों दे डाली धमकी?

ईरान के खिलाफ ट्रंप का यह कड़ा रुख और उनके प्रशासन के खिलाफ उठाए गए कदम यह दर्शाते हैं कि अमेरिका और ईरान के बीच तनाव अभी भी बहुत अधिक है. हालांकि, ईरान की ओर से इन धमकियों को लेकर कोई सार्वजनिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन ट्रंप की यह चेतावनी दुनिया को यह याद दिलाती है कि वह किसी भी कीमत पर अपने देश और अपनी सरकार की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हैं.

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Edited By: Gyanendra Tiwari
Donald Trump Says if Iran tries to assassinate him Nothing will be left
Courtesy: Social Media

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को एक बेहद कड़ी धमकी दी. उन्होंने कहा कि अगर ईरान ने उनकी हत्या करने की कोशिश की, तो उसका नामोनिशान मिटा दिया जाएगा. ट्रंप ने अपनी सुरक्षा पर भी चर्चा करते हुए यह बयान दिया और कहा कि अगर उन्हें मारने की कोशिश की गई, तो ईरान को पूरी तरह से नष्ट कर दिया जाएगा.

"ईरान को मिटा दिया जाएगा"

रिपोर्ट्स के अनुसार, ट्रंप ने कहा, "अगर ईरान ने मेरी हत्या की कोशिश की, तो उसे पूरी तरह से नष्ट कर दिया जाएगा, कुछ भी नहीं बचेगा." ट्रंप ने यह बयान उस समय दिया जब वह एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर कर रहे थे, जिसमें उन्होंने ईरान पर अधिकतम दबाव बनाने की योजना को लागू करने की बात की.

ईरान से धमकियां और सुरक्षा बढ़ाई गई

पिछले कुछ वर्षों में, अमेरिकी सरकार ने ट्रंप और उनके प्रशासन के अन्य अधिकारियों के खिलाफ ईरान से आने वाली धमकियों का ट्रैक रखा था. ट्रंप ने 2020 में ईरान के कुख्यात जनरल कासिम सुलेमानी की हत्या का आदेश दिया था, जिसके बाद ईरान और अमेरिका के बीच तनाव काफी बढ़ गया था.

हाल ही में, अमेरिकी अधिकारियों ने यह भी खुलासा किया था कि ईरान ने ट्रंप की हत्या की साजिश रची थी, जिसे अमेरिकी न्याय विभाग ने नाकाम कर दिया था. इस साजिश में ईरान के अधिकारी फरहाद शाकिरी को ट्रंप की निगरानी करने और उन्हें मारने के लिए निर्देश दे रहे थे. शाकिरी, जो एक अफगान राष्ट्रीय है, ने अमेरिकी जेल में भी समय बिताया था और उसे ईरान द्वारा इस मिशन के लिए चुना गया था.

ट्रंप की सुरक्षा और पूर्व अधिकारियों पर भी खतरा

ट्रंप ने अपनी सुरक्षा को लेकर कुछ फैसले भी लिए थे. उन्होंने अपने पूर्व सचिव माइक पोम्पेओ, उनके सहायक ब्रायन हुक, और अपने पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन की सुरक्षा को रद्द कर दिया था, क्योंकि इन सभी को भी ईरान से धमकियां मिल रही थीं. इन तीनों ने ट्रंप प्रशासन के दौरान ईरान के खिलाफ कड़े कदम उठाए थे, जिनके कारण उन्हें ईरान की ओर से खतरे का सामना करना पड़ा.

क्या इसका मतलब है?

डोनाल्ड ट्रंप का यह बयान स्पष्ट रूप से ईरान को यह संदेश देने की कोशिश है कि अगर उन्होंने किसी भी प्रकार से अमेरिका के राष्ट्रपति पर हमला करने का प्रयास किया, तो इसके गंभीर परिणाम होंगे. ट्रंप के इस बयान से यह भी साफ है कि अमेरिका अपने नेतृत्व और सुरक्षा को लेकर पूरी तरह से गंभीर है और किसी भी प्रकार के खतरों से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है.