इजरायल-ईरान के बीच चल रही जंग में सीजफायर का ऐलान कर दिया गया है. हालांकि इसके बाद भी दोनों तरफ से हमले हुए. अमेरिका से राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इसपर नाराजी जाहीर की है. ट्रंप ने इजरायल को चेतावनी दी कि वह ईरान पर बम न गिराए. ट्रंप ने हेग में नाटो शिखर सम्मेलन के लिए रवाना होने से पहले ट्रुथ सोशल पर एक पोस्ट में लिखा, इजराइल ये बम मत गिराओ. अगर तुम ऐसा करते हो तो यह एक बड़ा उल्लंघन होगा. अपने पायलटों को तुरंत घर ले आओ!
उन्होंने इजरायल से शांत रहने का आग्रह किया. उन्होंने व्हाइट हाउस में संवाददाताओं से कहा कि जैसे ही हमने सौदा किया, इजरायल ने आकर बमों की बौछार कर दी,जैसा मैंने पहले कभी नहीं देखा, यह अब तक का सबसे बड़ा हमला था. उन्होंने कहा, मैं देखूंगा कि क्या मैं इसे (लड़ाई को) रोक सकता हूं. मुझे इजरायल को शांत करना होगा. हम मूल रूप से दो देश हैं जो इतने लंबे समय से और इतनी कड़ी लड़ाई लड़ रहे हैं कि उन्हें पता ही नहीं है कि वे क्या कर रहे हैं.
ट्रंप ने कहा कि इस समझौते पर सहमति जताने के तुरंत बाद इजरायल ने अपना सामान उतार दिया. उन्होंने यह भी कहा कि वह किसी भी देश खासकर इजरायल से खुश नहीं हैं. मंगलवार को ट्रम्प ने दावा किया कि इजरायल और ईरान ने युद्ध विराम पर समझौता कर लिया है. हालांकि ईरान ने इसे इनकार करते हुए कहा कि ऐसा कोई समझौता नहीं हुआ है लेकिन बाद में उसने एक बयान जारी कर इस समझौते को मान लिया.
इन घटनाक्रमों के बावजूद, इजरायल पर ईरानी मिसाइल हमलों की खबरें आती रहीं, तेल अवीव ने दावा किया कि ट्रम्प द्वारा घोषित युद्ध विराम के बाद किए गए हमलों में कम से कम चार लोग मारे गए और छह घायल हो गए. इसके कुछ ही समय बाद, ईरानी सरकारी मीडिया ने घोषणा की कि इजरायली कब्जे वाले क्षेत्रों पर ईरानी हमलों की चार लहरों के बाद संघर्ष विराम शुरू हो गया है. इसके बाद ट्रंप ने अपने ट्रुथ सोशल प्लेटफॉर्म पर दोनों पक्षों से युद्ध विराम का उल्लंघन न करने का अनुरोध किया.
21 जून को अमेरिका ने ईरान पर हमले में इजरायल का साथ दिया. ऑपरेशन मिडनाइट हैमर के तहत संघर्ष को और अधिक तीव्र करते हुए इस्लामिक गणराज्य के तीन परमाणु स्थलों पर बमबारी की. जवाब में ईरान ने सोमवार को कतर और इराक में अमेरिकी सैन्य ठिकानों मिसाइल हमले किए.