US Elections: भारतीय-अमेरिकी समुदाय की संख्या 5.2 मिलियन को पार कर गया है, जो अमेरिकी राजनीति में एक महत्वपूर्ण ताकत बन गया है. अमेरिका में भारतीय दूसरे सबसे बड़े आप्रवासी समूह का प्रतिनिधित्व करते हैं. उनकी बढ़ती उपस्थिति, उनकी व्यावसायिक उपलब्धियों ने उन्हें चुनावों में एक महत्वपूर्ण फैक्टर के रूप में खड़ा कर दिया है. अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि इस बार राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए भारतीय मूल की निवर्तमान उपराष्ट्रपति कमला हैरिस एक प्रमुख कैंडिडेट हैं.
एक सवाल ये कि आखिर भारतीय-अमेरिकियों का झुकाव किस ओऱ है. क्या अमेरिका का दूसरा सबसे बड़ा अप्रवासी समूह डेमोक्रेट्स को सपोर्ट करेगा या फिर वे रिपब्लिकन कैंडिडेट्स के साथ जाएंगे. आइए, समझते हैं.
डेमोक्रेटिक के लिए प्रतिबद्धता में गिरावट: भारतीय अमेरिकी मुख्य रूप से डेमोक्रेटिक बने हुए हैं, जिनकी संख्या 47% है. हालांकि, ये संख्या 2020 में 56% थी, जो कम है. इंडिपेंडेंट लोगों का अनुपात बढ़ा है, जो भारतीय-अमेरिकी समुदाय के अंतर राजनीतिक बदलाव का संकेत देता है.
कमला हैरिस के लिए समर्थन: 61% रजिस्टर्ड भारतीय-अमेरिकी वोटर्स आगामी चुनाव में कमला हैरिस का समर्थन करने की योजना बना रहे हैं, जबकि 32% डोनाल्ड ट्रम्प को वोट देने का इरादा रखते हैं. ये पिछले चुनावों की तुलना में रिपब्लिकन समर्थन में मामूली वृद्धि को दर्शाता है.
बढ़ता हुआ जेंडर गैप: 67% भारतीय अमेरिकी महिलाएं हैरिस का समर्थन करती हैं, जबकि पुरुषों में यह अंतर केवल 53% है. इसके विपरीत, 22% महिलाएं और 39% पुरुष ट्रंप को वोट देने की योजना बना रहे हैं.
रिपब्लिकनों के प्रति भारतीय-अमेरिकियों का मिलाजुला विचार: भारतीय-अमेरिकी आमतौर पर निक्की हेली और विवेक रामास्वामी जैसे प्रमुख भारतीय-अमेरिकी रिपब्लिकनों के प्रति उदासीन विचार रखते हैं, जो पार्टी की ओर से कुछ भागीदारी के बावजूद रिपब्लिकन उम्मीदवारों के प्रति उत्साह की कमी को दर्शाता है.
गर्भपात एक प्रमुख मुद्दा: इस चुनाव चक्र में भारतीय-अमेरिकियों के लिए गर्भपात और प्रजनन अधिकार महत्वपूर्ण मुद्दे हैं. डेमोक्रेट्स और महिलाओं के बीच ये उनकी दूसरी सबसे महत्वपूर्ण नीतिगत चिंता है.
एक स्टडी से पता चलता है कि भारतीय-अमेरिकी समुदाय डेमोक्रेटिक पार्टी, खासकर कमला हैरिस जैसे उम्मीदवारों के लिए मजबूत समर्थन दिखाना जारी रखता है, लेकिन ये बदलाव ऐसे हैं जो चुनावी नतीजों को प्रभावित कर सकते हैं. डेमोक्रेटिक पहचान में गिरावट और रिपब्लिकन उम्मीदवारों में बढ़ती दिलचस्पी, खासकर युवा पुरुषों के बीच, एक संभावित पुनर्संयोजन (Recombination) का सुझाव देती है जिस पर दोनों दलों को ध्यान देना चाहिए.