बांग्लादेश में विरोध प्रदर्शन के दौरान जलाए गए न्यूजपेपर ऑफिस, यूनुस ने की शांति की अपील

छात्र नेता शरीफ उस्मान हादी की मौत के बाद शुक्रवार को पूरे बांग्लादेश में बड़े विरोध प्रदर्शन हुए. शरीफ उस्मान हादी 2024 के छात्र आंदोलन के एक जाने-माने नेता थे. उनकी मौत से कई लोग बहुत गुस्से में और भावुक हो गए. 

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Shilpa Srivastava

नई दिल्ली: छात्र नेता शरीफ उस्मान हादी की मौत के बाद शुक्रवार को पूरे बांग्लादेश में बड़े विरोध प्रदर्शन हुए. बता दें कि शरीफ उस्मान हादी 2024 के छात्र आंदोलन के एक जाने-माने नेता थे. उनकी मौत ने लोगों को काफी स्तब्ध कर दिया है जिस वजह से सभी बेहद ही गुस्से में हैं. विरोध प्रदर्शन काफी तेजी से फैल गया और लोगों ने बांग्लादेश के बड़े अखबारों के दफ्तरों में तोड़फोड़ की और आग लगा दी.

रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रदर्शनकारियों ने देश के प्रमुख अंग्रेजी अखबारों में से एक, द डेली स्टार के ऑफिस की बिल्डिंग पर हमला किया. ये सभी बिल्डिंग में घुस गए और कई हिस्सों में आग लगा दी. बता दें कि ऐसा ही एक प्रमुख बंगाली अखबार, प्रोथोम आलो के ऑफिस में भी हुआ. सोशल मीडिया और न्यूज एजेंसियों द्वारा शेयर किए गए वीडियो में बिल्डिंग के अंदर धुआं और आग दिख रही थी, जिससे वहां काम करने वाले पत्रकारों में दहशत फैल गई.

कैसे हुई थी शरीफ उस्मान हादी की मौत: 

12 दिसंबर को ढाका में एक कैंपेन इवेंट आयोजित किया गया था. इस दौरान शरीफ उस्मान हादी को सिर में गोली मारी गई थी. हमले के बाद उनकी हालत काफी गंभीर थी. इलाज के लिए उन्हें सिंगापुर ले जाया गया. सिंगापुर जनरल हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया. डॉक्टरों की कोशिशों के बावजूद, 18 दिसंबर गुरुवार को उनकी मौत हो गई. उनकी मौत से देश को काफी सदमा लगा है.

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार, मुहम्मद यूनुस ने हादी की मौत के बाद देश को संबोधित किया. हादी की मौत पर यूनुस ने दुख जताया है. साथ ही वादा किया है कि हत्या के जिम्मेदार लोगों पर रहम नहीं किया जाएगा. पकड़ा जाएगा. उन्होंने हादी को छात्र आंदोलन का एक बहादुर योद्धा बताया. यूनुस ने वादा किया कि उनकी हत्या के पीछे जिनका भी हाथ है, उन पर रहम नहीं किया जाएगा.

प्रदर्शनकारी अखबारों के दफ्तरों में घुस गए और तोड़फोड़ की. अंदर कई पत्रकार फंसे थे. इन सभी ने दम घुटने की शिकायत की. आग लगने के कई घंटे बाद द डेली स्टार की बिल्डिंग से कम से कम 25 पत्रकारों को बचाया गया. बिल्डिंग के बाहर सैनिक और बॉर्डर गार्ड मौजूद थे, लेकिन रिपोर्ट्स के मुताबिक उन्होंने प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाया. इस घटना से बांग्लादेश में तनाव बढ़ गया है, जो पहले से ही आने वाले चुनावों से पहले राजनीतिक अनिश्चितता का सामना कर रहा है.