Axiom 4 Mission: शुभांशु शुक्ला ने गुरुवार को एक नया इतिहास रचते हुए अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर कदम रखा और पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री बन गए, जिन्होंने इस कक्षीय प्रयोगशाला तक का सफर तय किया. इस उपलब्धि ने भारत को वैश्विक अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में गौरवान्वित किया है. शुक्ला ने अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हुए कहा, "मैं अंतरिक्ष यात्री 634 हूं. यहां आना मेरे लिए सौभाग्य की बात है."
अंतरिक्ष स्टेशन पर औपचारिक स्वागत समारोह में शुक्ला ने चालक दल के आतिथ्य की सराहना की. उन्होंने कहा, "जिस क्षण मैंने अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन में प्रवेश किया और इस चालक दल से मिला, आपने मुझे इतना स्वागत महसूस कराया, मानो आपने सचमुच अपने दरवाजे, अपने घर के दरवाजे की तरह, हमारे लिए खोल दिए हों." उन्होंने यह भी जोड़ा, "उन कुछ लोगों में शामिल होना सौभाग्य की बात है, जिन्हें इस सुविधाजनक स्थान से पृथ्वी को देखने का मौका मिला है." यह बयान उनकी इस उपलब्धि के प्रति गहरी कृतज्ञता और उत्साह को दर्शाता है.
Group Captain Shubhanshu Shukla enters the International Space Station (ISS)
— Ministry of Information and Broadcasting (@MIB_India) June 26, 2025
While sharing his excitement, he said that it has been a wonderful ride and he is very confident that the next 14 days are going to be amazing, advancing science and research.
Credits: @NASA… pic.twitter.com/gUFWJBsQGm
विज्ञान और अनुसंधान के लिए समर्पित 14 दिन
शुक्ला ने बताया कि अगले दो सप्ताह आईएसएस पर विज्ञान और अनुसंधान को समर्पित होंगे. उन्होंने उत्साहपूर्वक कहा, "यह सच है. यह शानदार था. अब मैं और भी बेहतर महसूस कर रहा हूं. यहां आने से मेरी जो भी अपेक्षाएं थीं, वे यहां के नज़ारे से कहीं बढ़कर थीं." उन्होंने आगे कहा, "मुझे लगता है कि यह शानदार है, यह अद्भुत है और मुझे पूरा विश्वास है कि अगले 14 दिन अद्भुत होंगे, विज्ञान और अनुसंधान को आगे बढ़ाएंगे और साथ मिलकर काम करेंगे."
एक्सिओम-4 मिशन: एक नया अध्याय
एक्सिओम-4 मिशन के तहत शुक्ला ने तीन अन्य अंतरिक्ष यात्रियों के साथ आईएसएस में प्रवेश किया. इस मिशन की कमांडर अनुभवी अंतरिक्ष यात्री पैगी व्हिटसन हैं, जिन्होंने शुक्ला को अंतरिक्ष यात्री पिन प्रदान किया. शुक्ला, जो मिशन पायलट हैं, 634वें अंतरिक्ष यात्री बन गए. ड्रैगन अंतरिक्षयान ने 28 घंटे की यात्रा के बाद गुरुवार को कक्षीय प्रयोगशाला में सफलतापूर्वक प्रवेश किया.
भारत के लिए गर्व का पल
भारतीय वायुसेना के परीक्षण पायलट शुक्ला अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय हैं. इससे पहले 1984 में राकेश शर्मा ने आठ दिन अंतरिक्ष में बिताए थे. शुक्ला अगले 14 दिन आईएसएस में सूक्ष्मगुरुत्व पर शोध करेंगे, जो न केवल भारत बल्कि वैश्विक वैज्ञानिक समुदाय के लिए महत्वपूर्ण होगा. उनकी यह उपलब्धि भारत के अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में बढ़ते कदमों का प्रतीक है.