पाकिस्तान में एक बार फिर कांपी धरती, लगे भूकंप के झटके, 4.6 की तीव्रता से हिला पड़ोसी देश

पाकिस्तान में बार-बार आ रहे भूकंपों ने सरकार और नागरिकों के सामने नई चुनौतियां खड़ी कर दी हैं. इन प्राकृतिक आपदाओं के बीच क्षेत्र में सुरक्षा और राहत कार्यों को मजबूत करने की आवश्यकता है.

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Mayank Tiwari

भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे तनाव के बीच पाकिस्तान एक बार फिर प्राकृतिक आपदा से दहल गया. इस बार यह कोई सैन्य कार्रवाई नहीं, बल्कि बलूचिस्तान प्रांत में आए भूकंप के झटके थे. नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी (एनसीएस) के अनुसार, भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.6 थी और इसकी गहराई 10 किलोमीटर दर्ज की गई. यह घटना स्थानीय लोगों के लिए चिंता का कारण बन गई है, क्योंकि भूकंप की उथली गहराई के कारण बाद के झटकों की आशंका बनी हुई है.

एक हफ्ते में तीसरा भूकंप

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान में यह इस हफ्ते का तीसरा भूकंप है, जो प्राकृतिक आपदाओं की बढ़ती आवृत्ति को दर्शाता है. हालांकि, इससे पहले सोमवार, 5 मई को भी देश में 4.2 तीव्रता का भूकंप आया था. एनसीएस ने बताया कि उस भूकंप की गहराई भी 10 किलोमीटर थी. "एनसीएस के अनुसार, भूकंप 10 किलोमीटर की उथली गहराई पर आया था, जिससे इसके बाद के झटकों की आशंका बनी हुई है. इन लगातार भूकंपों ने पाकिस्तान के भूकंप-प्रवण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के बीच दहशत पैदा कर दी है. इस भूकंप का केंद्र भी पश्चिम पाकिस्तान में क्वेटा के पास था.

प्राकृतिक आपदा के बीच तनाव

भारत-पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण माहौल में यह प्राकृतिक आपदा पाकिस्तान के लिए दोहरी चुनौती बनकर उभरी है. बलूचिस्तान, जो पहले से ही कई मुद्दों का सामना कर रहा है, अब भूकंप के खतरे से जूझ रहा है. विशेषज्ञों का मानना है कि उथली गहराई के भूकंप अधिक नुकसान पहुंचा सकते हैं, जिसके चलते स्थानीय प्रशासन को सतर्क रहने की जरूरत है.

घरों से बाहर निकले लोग

बता दें कि, पाकिस्तान के बलूचिस्तान में भूकंप के झटके महसूस होते ही कई इलाकों में लोग घबराकर अपने घरों से बाहर निकल आए. इस दौरान लोग खुले और सुरक्षित स्थानों की ओर भागते हुए देखे गए. हालांकि, अब तक किसी भी तरह के जान-माल के नुकसान की खबर नहीं मिली है.