भारत से तनातनी के बीच पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल मोहम्मद असीम मलिक को नई जिम्मेदारी दी गई है. असीम मलिक को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया है. यह नियुक्ति मध्य रात्रि में की गई है, क्योंकि पड़ोसी देश भारत द्वारा आसन्न सैन्य हमले को लेकर घबराहट में है. जम्मू एवं कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए घातक आतंकवादी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है. इस हमले में 26 लोग मारे गए थे.
एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने सूत्रों के हवाले से बताया कि मलिक की नई जिम्मेदारी की पुष्टि करते हुए एक औपचारिक अधिसूचना जारी की गई है. उन्होंने पिछले साल सितंबर में आईएसआई का नेतृत्व संभाला था. पहलगाम हमले के बाद से पाकिस्तान ने भारत की संभावित जवाबी कार्रवाई पर चिंता जताई है. सूचना मंत्री अताउल्लाह तरार ने कहा कि भारत 24 से 36 घंटों के भीतर हमला कर सकता है, उन्होंने विश्वसनीय खुफिया जानकारी का हवाला दिया. उन्होंने एक्स पर चेतावनी पोस्ट की, जिसमें कहा गया कि कोई भी आक्रामक कार्रवाई निर्णायक प्रतिक्रिया को उकसाएगी, जिसके परिणामों के लिए भारत जिम्मेदार होगा.
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और उनके प्रशासन ने हमले के बाद भारत की "खोखली बयानबाजी" की आलोचना की है तथा घटना की निष्पक्ष जांच की मांग की है. रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने रॉयटर्स से बात करते हुए कहा कि भारतीय सैन्य घुसपैठ की संभावना है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान हाई अलर्ट पर है और परमाणु हथियारों के इस्तेमाल पर तभी विचार करेगा जब उसके अस्तित्व को सीधा खतरा होगा.
पहलगाम हमले के बाद भारत की सख्त प्रतिक्रिया ने पाकिस्तान के सैन्य और नागरिक नेतृत्व दोनों को बेचैन कर दिया है. जवाब में, इस्लामाबाद ने प्रमुख अंतरराष्ट्रीय राजधानियों में अधिकारियों को तैनात किया है, आतंकवादी ठिकानों को छुपाया है और अपनी सीमा चौकियों को मजबूत किया है.
प्रतिबंधित लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े एक छद्म समूह द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने शुरू में पहलगाम हमले की जिम्मेदारी ली थी, लेकिन बाद में कथित तौर पर पाकिस्तान के रक्षा प्रतिष्ठान के दबाव में आकर उसने अपना दावा वापस ले लिया था.