अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने बुधवार को घोषणा की कि स्टूडेंट वीजा आवेदनों की प्रक्रिया फिर से शुरू कर दी गई है. यह प्रक्रिया कुछ समय के लिए नए स्क्रीनिंग प्रोटोकॉल के कारण निलंबित थी. अब नए दिशा-निर्देशों के तहत सभी वीजा आवेदकों को अपने सार्वजनिक सोशल मीडिया खातों तक सरकार को पहुंच प्रदान करनी होगी. अधिकारियों द्वारा इन खातों पर पोस्ट और गतिविधियों की जांच की जाएगी ताकि अमेरिकी सरकार, जनता, संस्थानों, संस्कृति या मूलभूत सिद्धांतों के खिलाफ किसी भी नकारात्मक भावना या आलोचनात्मक सामग्री का पता लगाया जा सके.
अमेरिकी विदेश मंत्रालय के अनुसार, यह कदम राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने और संभावित जोखिमों की पहचान करने के लिए उठाया गया है. नए नियमों के तहत, आवेदकों को अपने सोशल मीडिया हैंडल्स की जानकारी देनी होगी, जिनमें ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम और लिंक्डइन जैसे प्लेटफॉर्म शामिल हैं. अधिकारियों को यह जांचने का अधिकार होगा कि क्या आवेदक ने कभी ऐसी सामग्री साझा की है जो अमेरिका के प्रति शत्रुतापूर्ण हो या उसके मूल्यों के खिलाफ हो. इस प्रक्रिया का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि वीजा प्राप्त करने वाले व्यक्ति अमेरिकी समाज में सकारात्मक योगदान दें.
क्यों हुई थी प्रक्रिया निलंबित?
पिछले कुछ महीनों में, अमेरिकी सरकार ने वीजा स्क्रीनिंग प्रक्रियाओं को और सख्त करने की योजना बनाई थी. नई स्क्रीनिंग तकनीकों को लागू करने और कर्मचारियों को प्रशिक्षित करने के लिए स्टूडेंट वीजा आवेदनों को अस्थायी रूप से रोक दिया गया था. इस दौरान, कई अंतरराष्ट्रीय छात्रों को अपने आवेदनों में देरी का सामना करना पड़ा, जिससे विशेष रूप से भारत, चीन और अन्य एशियाई देशों के छात्र प्रभावित हुए. अब प्रक्रिया के फिर से शुरू होने से हजारों छात्रों को राहत मिलने की उम्मीद है.
भारतीय छात्रों पर प्रभाव
भारत से हर साल लाखों छात्र अमेरिका में उच्च शिक्षा के लिए आवेदन करते हैं. नए नियमों के लागू होने से भारतीय छात्रों को अपने सोशल मीडिया खातों की सामग्री को लेकर अधिक सतर्क रहना होगा. विशेषज्ञों का कहना है कि छात्रों को ऐसी पोस्ट से बचना चाहिए, जो राजनीतिक रूप से संवेदनशील हों या जो गलत तरीके से व्याख्या की जा सकती हों. इसके अलावा, गोपनीयता सेटिंग्स को ठीक करना और पुरानी पोस्ट की समीक्षा करना भी जरूरी है.