जिस अदियाला जेल में इमरान खान की मौत पर बना है सस्पेंस, उसमें कभी फूटा था 'एड्स बम', एक साथ 148 को हुआ था HIV

पाकिस्तान की अदियाला जेल एक कैदखाना ही नहीं, बल्कि 142 साल के इतिहास और रहस्यों का केंद्र रही है. इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद यह जेल फिर चर्चा में है, जहां कभी भुट्टो जैसे नेताओं को भी कैद रखा गया था.

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Anuj

नई दिल्ली: रावलपिंडी की अदियाला जेल को पाकिस्तान की सबसे संवेदनशील और विवादित जेलों में गिना जाता है. पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की लंबी कैद के कारण यह जेल एक बार फिर सुर्खियों में है. 

करीब 142 साल पुराने इस कैदखाने ने आतंकियों, अपराधियों से लेकर देश के कई शीर्ष नेताओं को अपनी ऊंची दीवारों के भीतर कैद होते देखा है. भुट्टो की फांसी से लेकर नई जेल के निर्माण तक, अदियाला का इतिहास पाकिस्तान की सत्ता और संघर्षों का अहम आईना रहा है.

अदियाला जेल का 142 साल पुराना सफर

अदियाला सेंट्रल जेल, जिसे रावलपिंडी जिला जेल भी कहा जाता है, अपनी शुरुआत से ही कई बार स्थानांतरित हुई है. प्रारंभिक दौर में यह कमेटी चौक के पास थी, फिर 1882 में इसे जिन्ना पार्क और जुडिशियल कॉम्प्लेक्स के पास बनाया गया. 84.4 एकड़ में फैली यह जेल सौ साल से अधिक समय तक वहीं रही. ब्रिटिश काल में स्वतंत्रता सेनानियों को यहीं रखा गया, जिनमें अल्लामा मशरिकी के नाम से प्रसिद्ध इनायतुल्ला खान भी शामिल थे.

भुट्टो की फांसी और जिया-उल-हक का विवादित फैसला

अदियाला जेल का सबसे चर्चित अध्याय पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो की फांसी से जुड़ा है. अप्रैल 1979 में भुट्टो को इसी जेल में फांसी दी गई, जिसके बाद जनरल जिया-उल-हक ने इस जेल को ध्वस्त करने का आदेश दिया. 1988 में पुरानी जेल पूरी तरह गिरा दी गई, और उस जगह पर पुलिस ट्रेनिंग कॉलेज, जुडिशियल कॉम्प्लेक्स तथा जिन्ना पार्क विकसित किए गए.

बढ़ती कैद और बदहाल स्थितियां

1986 में अदियाला गांव के पास नई जेल का निर्माण हुआ. लगभग 100 एकड़ में फैली इस जेल में शुरुआती क्षमता 1927 कैदियों की थी, जिसे बाद में बढ़ाकर 3500 किया गया. इसके बावजूद यहां कैदियों की संख्या हमेशा क्षमता से अधिक रही. दुर्व्यवहार, भीषण भीड़भाड़ और स्वास्थ्य समस्याओं की खबरें लगातार सामने आती रही हैं. कुछ वर्ष पहले यहां 148 कैदियों के एचआईवी पॉजिटिव पाए जाने की सूचना ने काफी हंगामा मचाया था.

वीआईपी कैदियों और आतंकियों का ठिकाना

अदियाला जेल पाकिस्तान की सबसे हाई-प्रोफाइल जेल मानी जाती है. यहां नवाज शरीफ, यूसुफ रजा गिलानी, शाहिद खाकान अब्बासी, आसिफ अली जरदारी सहित कई शीर्ष नेताओं को कैद किया जा चुका है. मौजूदा प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और पंजाब की मुख्यमंत्री मरियम नवाज भी यहां रह चुकी हैं. आतंकवादियों में मुंबई हमले के मास्टरमाइंड जकी-उर-रहमान लखवी और सलमान तासीर के कातिल मुम्ताज कादरी जैसे नाम शामिल हैं.

इमरान खान- सत्ता से जेल तक का सफर

अदियाला जेल वर्तमान में सबसे ज्यादा चर्चा में इसलिए है क्योंकि पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान पिछले 27 महीनों से यहीं कैद हैं. अप्रैल 2022 में अविश्वास प्रस्ताव के बाद उन्हें सत्ता से हटाया गया था. अगस्त 2023 में गिरफ्तारी के बाद उन पर कई मामले दर्ज हुए, जिनमें तोशाखाना मामला सबसे प्रमुख है. कभी पाकिस्तान के शक्तिशाली नेता रहे इमरान खान अब इन्हीं दीवारों के भीतर अपना भविष्य तय होने का इंतजार कर रहे हैं.