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बारिश, भूकंप, कोरोना...खतरे में दुनिया, अब इस देश पर टूटा इबोला वायरस का कहर, 15 लोगों की हुई मौत

तीन साल पहले कांगो में आखिरी इबोला प्रकोप में छह लोगों की जान गई थी, जबकि 2018-20 के प्रकोप में 2,000 से अधिक लोगों की मौत हुई थी.

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Edited By: Sagar Bhardwaj
15 people have died due to Ebola virus in Congo
Courtesy: 15 people have died due to Ebola virus in Congo

Ebola Virus: डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो के स्वास्थ्य मंत्रालय ने देश में इबोला वायरस के नए प्रकोप की घोषणा की है, जिसमें अब तक 15 लोगों की मौत हो चुकी है. मंत्रालय के अनुसार, इस प्रकोप की शुरुआत पिछले महीने एक 34 वर्षीय गर्भवती महिला के अस्पताल में भर्ती होने के बाद हुई, जिन्हें उच्च बुखार और बार-बार उल्टी जैसे लक्षण दिखाई दिए थे. कुछ घंटों बाद उनकी मृत्यु अंग विफलता से हो गई. यह इस विशाल मध्य अफ्रीकी देश में 16वां इबोला प्रकोप है, जहां स्वास्थ्य सेवाएं कमजोर हैं और पूर्वी क्षेत्र में संघर्ष जारी है. इबोला का ताजा प्रकोप कासाई प्रांत में देखा गया है जहां 28 संदिग्ध मामले दर्ज किए गए हैं.

रोकथाम और राहत के उपाय शुरू

स्वास्थ्य अधिकारियों ने उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों में सख्त बचाव उपायों का पालन करने की अपील की है, जिसमें बार-बार हाथ धोना और सामाजिक दूरी बनाए रखना शामिल है. परीक्षणों से पुष्टि हुई कि यह इबोला का जायर स्ट्रेन है, जो एक दुर्लभ पर घातक बीमारी है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने दृढ़ संकल्प के साथ वायरस के प्रसार को जल्द रोकने और समुदायों की सुरक्षा के लिए काम शुरू किया है. 

मृतकों में चार स्वास्थ्यकर्मी शामिल

डब्ल्यूएचओ के अनुसार, मृतकों में चार स्वास्थ्यकर्मी भी शामिल हैं. संगठन ने कहा, "संक्रमण जारी है, जिससे मामलों में वृद्धि संभव है. प्रतिक्रिया टीमें और स्थानीय कर्मचारी संभावित संक्रमितों की पहचान कर उपचार सुनिश्चित करेंगे."

तीन साल पहले कांगो में आखिरी इबोला प्रकोप में छह लोगों की जान गई थी, जबकि 2018-20 के प्रकोप में 2,000 से अधिक लोगों की मौत हुई थी. यह वायरस फल चमगादड़ों से उत्पन्न माना जाता है और 1976 में इबोला नदी के पास पहली बार पाया गया था. यह रोगी के खून, उल्टी, मल या अन्य शारीरिक तरल पदार्थों के सीधे संपर्क से फैलता है.