50 साल बाद स्कूलों में 'इमरजेंसी' क्यों पढ़वाना चाहती है MP सरकार? सामने आ गई वजह
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा है कि युवाओं को जानना चाहिए कि जब इमरजेंसी लगी थी तब कैसे देश के हालात थे. सरकार अब इमरजेंसी को स्कूल कैरिकुलम का हिस्सा बनाएगी. उनके पाठ्यक्रमों में बदलाव होगा, जिसमें आपातकाल को शामिल किया जाएगा. सरकार ने लोकतंत्र सेनानियों के लिए कुछ अहम योजनाओं का ऐलान किया है.

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बुधवार को ऐलान किया है कि स्कूल के पाठ्यक्रमों में अब आपातकाल से जुड़ा एक चैप्टर भी शामिल किया जाएगा. इस अध्याय में सरकार की दमकारी नीतियों के बारे में बताया जाएगा, कैसे उस दौरान लोगों के लोकतांत्रिक अधिकार छीने गए थे और उनका उत्पीड़न हुआ था. कांग्रेस सरकार ने साल 1975 में इसे लागू करा दिया था.
सीएम मोहन यादव ने कहा है कि युवा पीढ़ी को जानना चाहिए कि 1975 से 1977 के बीच लोगों का कितना उत्पीड़न हुआ था और उन्हें क्या संघर्ष करने पड़े थे. उन्होंने कहा, 'देश में जैसे हालात पैदा हो गए थे, उनके बारे में लोगों को बताएंगे. लोकतंत्र सेनानियों के संघर्ष को बताएंगे. कांग्रेस सरकार ने जो अलोकतांत्रिक कदम उठाया था, उसे छात्रों के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा.'
मोहन यादव ने आपातकाल के दौरान सरकारी जुल्म झेलने वाले लोगों को 'लोकतंत्र सेनानी' बताया. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र सेनानियों को अतिरिक्त सुविधाएं दी जाएंगी. उन्हें तीन दिन तक सरकारी सर्किट और रेस्ट हाउस में 50 प्रतिशत की छूट मिलेगी. टोल टैक्स में पेमेंट की छूट मिलेगी. आयुष्मान हेल्थ कार्ड का त्वरित लाभ मिलेगा.
लोकतंत्र सेनानियों पर मेहरबान मोहन सरकार
लोकतंत्र सेनानियों को एयर एंबुलेंस की सुविधा दी जाएगी, अगर वे गंभीर बीमार होते हैं. मोहन यादव ने सभी जिला मजिस्ट्रेट्स को निर्देश दिया है कि इनसे जुड़े मुद्दों का 3 महीने के भीतर निपटारा हो. सीएम ने ऐलान किया कि लोकतंत्र सेनानियों के निधन होने पर उन्हें राजकीय सम्मान के साथ विदा किया जाएगा. मृत्यु के बाद उनके परिवारों को 10,000 रुपये भी दिए जाएंगे. उनके परिवार के सदस्यों को रोजगार की ट्रेनिंग भी सरकार दिलाएगी.
क्यों एमपी सरकार कर रही है ऐसा?
25 जून 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में राष्ट्रपति के आदेश के बाद इमरजेंसी लागू करा दिया था. विपक्षी नेताओं को जेल में ठूंसा जाने लगा था और लोगों का शोषण हुआ था. लोगों के लोकतांत्रिक और मौलिक अधिकार तक छीन लिए गए थे. अखबारों पर सेंसर था. इस साल आपातकाल की 50वीं बरसी मनाई जा रही है.
कांग्रेस संसद में सरकार पर आरोप लगा रही है कि मोदी सरकार ने देश में इमरजेंसी लागू कर दी है, संवैधानिक अधिकारों का हनन किया जा रहा है. ऐसे वक्त में अब एमपी की बीजेपी सरकार चाहती है कि लोग कांग्रेस सरकार के अत्याचारों को याद करें और आपातकाल के बारे में जानें. राजनीति के जानकारों का कहना है कि सरकार, ऐसा करके अपना बचाव कर रही है.
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