भारत का अगला उपराष्ट्रपति कौन? अब से कुछ घंटों में होगा फैसला, जानिए NDA और INDIA गठबंधन की रणनीति!
एनडीए के कैंडिंडेट सीपी राधाकृष्णन 2023 में झारखंड के राज्यपाल बने फिर उन्हें जुलाई 2024 में महाराष्ट्र का गवर्नर बनाया गया था. जबकि, इंडिया अलायंस के उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज हैं और गोवा के लोकायुक्त रह चुके हैं.
भारत के 15वें उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के लिए मंगलवार, 9 सितंबर 2025 को एक महत्वपूर्ण चुनाव होने जा रहा है. लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य अपने मतों के जरिए यह तय करेंगे कि एनडीए के उम्मीदवार सी.पी. राधाकृष्णन या विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी देश के अगले उपराष्ट्रपति होंगे.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, ये चुनाव न केवल एक राजनीतिक प्रक्रिया है, बल्कि एनडीए और विपक्ष के बीच वैचारिक टकराव का भी प्रतीक है. ये मतदान सुबह 10 बजे नए संसद भवन के वसुधा हॉल में शुरू होगा और शाम 5 बजे तक चलेगा. हालांकि, रिजल्ट उसी दिन देर शाम तक घोषित होने की उम्मीद है.
वोटिंग की क्या होती है प्रक्रिया!
उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए निर्वाचक मंडल में लोकसभा के 543 निर्वाचित सदस्य (वर्तमान में 1 सीट रिक्त) और राज्यसभा के 233 निर्वाचित सदस्य (5 सीटें रिक्त) के साथ-साथ 12 मनोनीत सदस्य शामिल हैं. जिसमें कुल 788 सदस्यों का निर्वाचक मंडल वर्तमान में 781 की प्रभावी संख्या के साथ मतदान करेगा. इस जीत के लिए किसी उम्मीदवार को कम से कम 391 वोटों की जरूरत होगी.
मतगणना की प्रक्रिया में पहले सभी बैलेट पेपर की छंटनी होगी, जिसमें वैध और अवैध वोटों को अलग किया जाएगा. वैध वोटों की संख्या को दो से विभाजित कर एक जोड़ा जाएगा, जिससे कोटा तय होगा. उदाहरण के लिए, यदि 700 वैध वोट हैं, तो कोटा 351 होगा. जिस उम्मीदवार को पहली पसंद के रूप में कोटे से अधिक वोट मिलेंगे, उसे विजेता घोषित किया जाएगा. राज्यसभा महासचिव और निर्वाचन अधिकारी पी.सी. मोदी ने बताया, “मतदान संसद भवन के कमरा संख्या एफ-101, वसुधा में होगा.”
जानें NDA की क्या है रणनीति और समर्थन
एनडीए ने इस चुनाव के लिए काफी तैयारी की है. जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सुबह 10 बजे वोट डालेंगे. एनडीए ने पोलिंग एजेंट के रूप में संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजु, केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू और शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे को नियुक्त किया है. इधर, बीजेपी सांसद अपराजिता सारंगी ने कहा, “हमें उम्मीद है कि उपराष्ट्रपति चुनाव में हमारे उम्मीदवार को कम से कम 437 सांसदों का समर्थन मिलेगा, करीब 56% वोट हमारे हक में आएंगे. उन्होंने यह भी बताया कि विपक्ष को 323 से अधिक सांसदों का समर्थन मिलने की संभावना नहीं है.
टीडीपी संसदीय दल के नेता लवू कृष्णा ने कहा, “मैं कॉन्फिडेंट हूं कि एनडीए के उम्मीदवार सी.पी. राधाकृष्णन के समर्थन में हमें 440 से 450 वोट मिलेंगे.” उन्होंने बताया कि केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी के साथ टीडीपी सांसदों की एक महत्वपूर्ण बैठक हुई, जिसमें गैर-बीजेपी, गैर-कांग्रेस दलों और निर्दलीय सांसदों के समर्थन की उम्मीद जताई गई. टीडीपी के 16 लोकसभा और 2 राज्यसभा सांसदों ने यह तय किया है कि वे सुबह 11 बजे तक अपना वोट डाल देंगे. टीडीपी के राष्ट्रीय महासचिव नारा लोकेश ने दिल्ली में पार्टी की संसदीय दल की बैठक का नेतृत्व किया.
विपक्ष की एकजुटता और दावे
हालांकि, विपक्ष ने भी इस चुनाव को लेकर पूरी ताकत झोंक दी है. इस बीच कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने दावा किया, “यदि सभी सांसदों ने अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनी, तो इंडिया ब्लॉक की जीत सुनिश्चित होगी.” विपक्षी दलों ने एकजुटता दिखाने के लिए सोमवार को एक बैठक की और मॉक मतदान में हिस्सा लिया ताकि उनके वोट अवैध न हों. पिछले चुनाव में कुछ वोट अवैध होने के कारण विपक्ष ने इस बार विशेष सावधानी बरती है.
राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के हनुमान बेनीवाल और आजाद समाज पार्टी के चंद्रशेखर आजाद ने विपक्षी उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी से मुलाकात कर उन्हें समर्थन देने का ऐलान किया है. इसके अलावा असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम ने भी रेड्डी को समर्थन देने का फैसला किया है. रेड्डी ने बार-बार जोर देकर कहा कि यह चुनाव केवल उपराष्ट्रपति चुनने के लिए नहीं, बल्कि “भारत की भावना” के लिए है.
जानें कौन हैं INDIA ब्लॉक के उम्मीदवार राधाकृष्णन
एनडीए के उम्मीदवार राधाकृष्णन तमिलनाडु के प्रमुख ओबीसी समुदाय गौंडर से हैं और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की पृष्ठभूमि से आते हैं. वे 1998 और 1999 में कोयंबटूर से लोकसभा सांसद चुने गए. साल 2023 में उन्हें झारखंड का राज्यपाल बनाया गया और जुलाई 2024 में महाराष्ट्र में भेज दिया गया था.
जानें कौन हैं INDIA ब्लॉक के उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी!
विपक्ष के उम्मीदवार रेड्डी सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश हैं। उन्होंने 2011 में छत्तीसगढ़ सरकार के सलवा जुडुम को असंवैधानिक घोषित किया था और विदेशी बैंकों में जमा काले धन को वापस लाने के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) गठन का आदेश दिया था. इसके अलावा वे गोवा के लोकायुक्त और हैदराबाद के अंतरराष्ट्रीय माध्यस्थम् केंद्र के न्यासी बोर्ड के सदस्य भी रह चुके हैं.
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