Air India crash 2025: एयर इंडिया हादसे पर अमेरिकी रिपोर्ट में ऐसा क्या जो भड़क उठा पायलट संघ?

Air India crash 2025: Air India AI 171 क्रैश पर अमेरिकी रिपोर्ट में कैप्टन पर फ्यूल बंद करने का आरोप लगाया गया है, जिसे पायलट संघों ने खारिज किया है. संघों ने जांच में पारदर्शिता और निष्पक्षता की मांग की है. सरकार ने इसे प्रारंभिक रिपोर्ट बताते हुए अंतिम निष्कर्ष से पहले अटकलें लगाने से मना किया है.

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Km Jaya

Air India crash 2025: हाल ही में आई एक अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट ने 2025 की शुरुआत में हुए Air India फ्लाइट AI 171 हादसे को लेकर नया विवाद खड़ा कर दिया है. वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि कॉकपिट रिकॉर्डिंग के आधार पर विमान के कैप्टन ने इंजन में फ्यूल फ्लो को खुद बंद किया था. इस दावे के बाद भारतीय पायलट संघों ने विरोध जताया है और रिपोर्ट को एकतरफा और अपूर्ण बताया है.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उड़ान भरने के कुछ ही सेकंड बाद फर्स्ट ऑफिसर ने कैप्टन से पूछा कि उन्होंने फ्यूल कंट्रोल स्विच को "रन" से "कटऑफ" क्यों किया. इस सवाल पर फर्स्ट ऑफिसर घबरा गया जबकि कैप्टन शांत रहा. इस विमान का संचालन 56 वर्षीय कैप्टन सुमीत सभरवाल और 32 वर्षीय फर्स्ट ऑफिसर क्लाइव कुंदर कर रहे थे. दोनों के पास कुल 19,000 से अधिक घंटे का उड़ान अनुभव था.

इतने लोगों की हुई मौत

यह दुर्घटना तब हुई जब बोइंग 787 ड्रीमलाइनर, जो लंदन जा रही थी, टेक-ऑफ के तुरंत बाद अहमदाबाद के BJ मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल से टकरा गई. इस हादसे में 260 लोगों की मौत हुई थी, जिनमें 241 यात्री और चालक दल के सदस्य और 19 जमीन पर मौजूद लोग शामिल थे.

AAIB की प्रारंभिक रिपोर्ट में खुलासा

भारत के एयरक्राफ्ट एक्सिडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो यानी AAIB की प्रारंभिक रिपोर्ट में कहा गया है कि टेक-ऑफ के ठीक बाद दोनों इंजन के फ्यूल कंट्रोल स्विच "रन" से "कटऑफ" पोजीशन में आ गए. हालांकि, यह नहीं बताया गया कि यह स्विच पायलटों ने जानबूझकर बदले या तकनीकी गड़बड़ी के चलते ऐसा हुआ.

ALPA India ने रिपोर्ट का किया खंडन

भारतीय पायलट संघ यानी FIP और एयर लाइन पायलट्स एसोसिएशन - इंडिया यानी ALPA India ने इस रिपोर्ट को अनुचित करार दिया है. इन संगठनों का कहना है कि जांच में पायलटों को प्रतिनिधित्व नहीं दिया गया और पायलटों को दोष देना जल्दबाजी है. ALPA India ने कहा कि क्रैश के समय क्रू ने अपनी आखिरी सांस तक यात्रियों को बचाने की कोशिश की थी. सरकार ने जनता और मीडिया से अपील की है कि वे अंतिम रिपोर्ट आने तक कोई निष्कर्ष न निकालें. साथ ही, यह भी कहा गया है कि पूरी जांच में एक साल तक का समय लग सकता है.