Maharashtra News: मुंबई के विक्रोली इलाके में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के कार्यकर्ताओं ने एक मारवाड़ी दुकानदार पर कथित तौर पर हमला किया. आरोप है कि दुकानदार ने अपने व्हाट्सएप स्टेटस पर मराठी समुदाय का अपमान करने वाली पोस्ट साझा की थी. इस घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसमें मनसे कार्यकर्ता दुकानदार को घेरकर उससे माफी मांगने के लिए दबाव बनाते दिखाई दे रहे हैं.
वायरल वीडियो में मनसे कार्यकर्ता दुकानदार को उसकी दुकान के बाहर घेरते हुए और उसकी व्हाट्सएप पोस्ट को लेकर तीखी बहस करते हुए दिखाई दे रहे हैं. कार्यकर्ताओं ने कथित तौर पर दुकानदार को डांटा और उस पर शारीरिक हमला किया, जिसके बाद दुकानदार ने कान पकड़कर और हाथ जोड़कर मराठी समुदाय से सार्वजनिक रूप से माफी मांगी. वीडियो में कार्यकर्ता अन्य लोगों को मराठी भाषा और संस्कृति का अनादर न करने की चेतावनी देते हुए भी दिख रहे हैं. उन्होंने स्थानीय लोगों से ऐसी दुकानों का बहिष्कार करने का आह्वान किया, जो कथित तौर पर मराठी समुदाय का अपमान करती हैं.
MNS कार्यकर्ताओं ने एक दुकानदार की पिटाई की और कथित तौर पर उसे एक व्हाट्सएप पोस्ट के लिए नंगे पैर चलने पर मजबूर किया। आखिर में ये क्या चाहते है? #WorldEmojiDay #SgsSwamiJi #Airtel #PerplexityPro #UrjaVarta2025 pic.twitter.com/qUZXU0j4xH
— India first (@AnubhawMani) July 17, 2025
मराठी भाषा को लेकर मनसे का आक्रामक रुख
यह घटना हाल के दिनों में मनसे की ओर से मराठी भाषा और संस्कृति के अपमान के खिलाफ उठाए गए हिंसक कदमों की कड़ी में नवीनतम है. कुछ दिन पहले ठाणे में एक फूड स्टॉल मालिक पर मराठी न बोलने के लिए कथित तौर पर हमला किया गया था. इस घटना में शामिल कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया, लेकिन उन्हें कुछ ही घंटों में जमानत मिल गई. इसी तरह, मीरा रोड पर भी एक दुकानदार और एक ऑटोरिक्शा चालक पर मराठी न बोलने के लिए हमले की खबरें सामने आई थीं. इन घटनाओं ने मनसे के आक्रामक रुख को फिर से चर्चा में ला दिया है.
राज ठाकरे का बयान और विवाद
मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने हाल ही में अपनी रैली में कार्यकर्ताओं को मराठी भाषा के अपमान के खिलाफ कार्रवाई करते समय वीडियो बनाने से मना किया था. उन्होंने अपने चचेरे भाई और शिवसेना सुप्रीमो उद्धव ठाकरे के साथ पुनर्मिलन रैली के दौरान यह बयान दिया. हालांकि, कार्यकर्ताओं का हिंसक व्यवहार इस सलाह के उलट नजर आता है.
मुख्यमंत्री का सख्त रुख
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस घटना पर कड़ा रुख अपनाते हुए कहा, "हम मराठी का सम्मान करते हैं, लेकिन इसके नाम पर हिंसा बर्दाश्त नहीं की जाएगी. हिंसा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. भारत में किसी भी भाषा का अपमान नहीं होने दिया जाएगा." उन्होंने स्पष्ट किया कि मराठी भाषा का सम्मान हिंसा के बिना किया जाना चाहिए.