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India Vice President Election 2025: भारत की संसदीय व्यवस्था में क्यों अहम है उपराष्ट्रपति का पद? जानें

भारत में उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए आज वोट डाले जाएंगे. जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद यह चुनाव हो रहा है. भारत की संसदीय प्रणाली में उपराष्ट्रपति का पद बेहद महत्वपूर्ण है. उपराष्ट्रपति राज्यसभा के पदेन सभापति होते हैं और सदन की कार्यवाही को सुचारू व निष्पक्ष ढंग से संचालित करना उनकी प्रमुख जिम्मेदारी है.

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India Vice President Election 2025: भारत में आज उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होने जा रहा है. यह चुनाव उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अचानक स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफे के बाद जरूरी हो गया. भारत की संसदीय प्रणाली में उपराष्ट्रपति का पद बेहद महत्वपूर्ण है. उपराष्ट्रपति राज्यसभा के पदेन सभापति होते हैं और सदन की कार्यवाही को सुचारू व निष्पक्ष ढंग से संचालित करना उनकी प्रमुख जिम्मेदारी होती है.

चुनाव प्रक्रिया के तहत मतदान सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक चलेगा. इस दौरान लोकसभा और राज्यसभा के सभी सांसद उपराष्ट्रपति चुनाव में अपने वोट डालेंगे. मतगणना शाम 6 बजे से शुरू होगी. इस पद के लिए सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन यानी एनडीए ने महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को उम्मीदवार बनाया है. उनके नाम की घोषणा भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पार्टी संसदीय बोर्ड की बैठक के बाद की थी. वहीं विपक्षी गठबंधन इंडिया यानी INDIA ने पूर्व सुप्रीम कोर्ट जज सुदर्शन रेड्डी को उम्मीदवार के तौर पर मैदान में उतारा है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इसका ऐलान किया.

उपराष्ट्रपति चुनाव में सांसदों का समर्थन

वर्तमान में, राज्यसभा के 239 और लोकसभा के 542 सांसद हैं. इस बार कुल 781 सांसदों में से 770 सदस्य वोट डालने वालें हैं. बीजू जनता दल के 7 सांसद और भारत राष्ट्र समिति के 4 सांसदों ने मतदान से दूरी बनाने का फैसला किया है. संख्याबल की स्थिति को देखें तो लोकसभा में एनडीए के पास 293 और राज्यसभा में 133 सांसद हैं. कुल मिलाकर गठबंधन के पास 426 सांसदों का समर्थन है, जो उपराष्ट्रपति चुनाव जीतने के लिए पर्याप्त है. इसके अलावा, क्रॉस वोटिंग की संभावना भी एनडीए के उम्मीदवार के पक्ष में नतीजों को और मजबूत कर सकती है.

उपराष्ट्रपति का पद बेहद महत्वपूर्ण

उपराष्ट्रपति का पद बेहद महत्वपूर्ण है. उपराष्ट्रपति राज्यसभा के पदेन सभापति होते हैं और सदन की कार्यवाही संचालित करना उनकी प्रमुख जिम्मेदारी है. वे सदन में मतदान नहीं करते, लेकिन बराबरी की स्थिति आने पर निर्णायक मत यानी कास्टिंग वोट देते हैं. इसके अलावा संविधान के अनुच्छेद 65 के तहत राष्ट्रपति की मृत्यु, इस्तीफे, पद से हटाए जाने या अस्वस्थ होने की स्थिति में उपराष्ट्रपति अधिकतम छह माह तक कार्यकारी राष्ट्रपति की भूमिका निभाते हैं. इस अवधि में राज्यसभा का संचालन उपसभापति द्वारा किया जाता है.