Vice President Election: NDA के राधाकृष्‍णन Vs विपक्ष के जस्टिस सुदर्शन, उपराष्ट्रपति पद के चुनाव में कौन किस पर पड़ेगा भारी!

वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) के साथ एनडीए के 429 सांसद राधाकृष्णन का समर्थन कर रहे हैं, जबकि 324 विपक्षी सांसद रेड्डी का समर्थन कर रहे हैं.

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Mayank Tiwari

भारत के 15वें उपराष्ट्रपति का चुनाव मंगलवार, 9 सितंबर 2025 को होने जा रहा है, जो राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) और विपक्षी दलों की एकता और ताकत की कसौटी साबित होगा.एनडीए के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन को पूर्व सुप्रीम कोर्ट जज बी सुदर्शन रेड्डी के खिलाफ मजबूत स्थिति में माना जा रहा है.

हालांकि, नवीन पटनायक की बीजू जनता दल (बीजेडी) और के चंद्रशेखर राव की भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) द्वारा चुनाव से दूरी बनाने की घोषणा के बाद जीत का अंतर कम होने की संभावना है.बीजेडी के पास 7 सांसद और बीआरएस के पास 4 सांसद हैं.एनडीए, वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) के समर्थन के साथ, 429 सांसदों के समर्थन में है, जबकि विपक्ष के पास रेड्डी के लिए 324 सांसदों का समर्थन है.

जानें उपराष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया और कैसे होता है मतदान!

उपराष्ट्रपति का चुनाव संसद के दोनों सदनों के सदस्यों द्वारा किया जाता है, जो एक निर्वाचक मंडल का हिस्सा होते हैं. इस मंडल में कुल 786 मत हैं, लेकिन वर्तमान में इसकी प्रभावी संख्या 781 है, क्योंकि 11 सांसद मतदान से दूर रहने वाले हैं. जीत के लिए किसी भी उम्मीदवार को कम से कम 386 मतों की आवश्यकता होगी.मतदान सुबह 10 बजे से नए संसद भवन के वसुधा हॉल में शुरू होगा और शाम 5 बजे तक चलेगा. जबकि, परिणाम उसी दिन घोषित किए जाएंगे.

राज्यसभा सचिवालय ने घोषणा की, "मतदान 9 सितंबर को सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक होगा, और परिणाम मंगलवार को घोषित किए जाएंगे. ऐसा पहली बार है जब उपराष्ट्रपति का चुनाव पुराने संसद भवन (अब संविधान सदन) के बजाय नए संसद भवन में होगा.

 दोनों पक्षों की रणनीति और तैयारी

एनडीए और विपक्ष दोनों ने अपने सांसदों की अधिकतम उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए तैयारी की हैं. दोनों पक्षों के राजनीतिक प्रबंधकों ने विशेष टीमें बनाई हैं जो मतदान प्रक्रिया को सुचारू रूप से संचालित करेंगी.तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के दो सांसद, सुदीप बंदोपाध्याय और सौगत रे, जो स्वास्थ्य कारणों से पूरे मानसून सत्र में अनुपस्थित रहे, विशेष रूप से कोलकाता से दिल्ली लाए गए हैं ताकि कोई भी वोट बर्बाद न हो.दोनों पक्षों ने सोमवार को मॉक पोलिंग अभ्यास भी आयोजित किया ताकि सांसदों को मतदान प्रक्रिया की जानकारी दी जा सके.

आम आदमी पार्टी (आप) के सांसदों ने पंजाब में बाढ़ की स्थिति का हवाला देते हुए विपक्ष के अभ्यास में हिस्सा नहीं लिया, लेकिन कांग्रेस के दो नेताओं ने पुष्टि की कि आप के सांसद मंगलवार को मतदान के लिए मौजूद रहेंगे.आप के पास कुल 12 सांसद हैं (राज्यसभा में 9 और लोकसभा में 3).

क्रॉस वोटिंग की संभावना

राजनीतिक विश्लेषकों ने क्रॉस वोटिंग की संभावना से इंकार नहीं किया है, जो इस तरह के चुनावों में आम बात है.लोकसभा के अधिकारियों के अनुसार, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, जो कोटा-बूंदी निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं, भी मंगलवार को अपना वोट डालने की उम्मीद है.

विपक्ष बनाम एनडीए: संविधान और विचारधारा की जंग

विपक्ष ने इस चुनाव को संविधान और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के बीच की लड़ाई करार दिया है. वहीं, दूसरी ओर, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने रेड्डी पर लगातार हमले किए हैं.चुनाव की पूर्व संध्या पर, बीजेपी ने रेड्डी पर बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव से समर्थन मांगने के लिए निशाना साधा, जिन्हें चारा घोटाले में वित्तीय अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के लिए दोषी ठहराया गया है.

पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद ने मीडिया को संबोधित करते हुए रेड्डी पर "पाखंड" का आरोप लगाया.उन्होंने कहा, "एक तरफ रेड्डी राष्ट्र की आत्मा को बचाने की बात करते हैं, और दूसरी तरफ वे एक ऐसे नेता से समर्थन मांगते हैं, जिन पर कई भ्रष्टाचार के मामले दर्ज हैं।" प्रसाद ने रेड्डी द्वारा एक समाचार पत्र में लिखे गए लेख का हवाला दिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि उनके लिए वोट देना "राष्ट्र की आत्मा को बचाने" और संसद को "लोकतंत्र का मंदिर" बनाने के समान है.

लालू यादव से मुलाकात पर छिड़ा विवाद

रेड्डी की लालू प्रसाद यादव से मुलाकात पर आठ पूर्व जजों और वकीलों के एक समूह ने भी आपत्ति जताई है. इन जजों ने एक बयान में कहा, "लालू यादव को चारा घोटाले में दोषी ठहराया गया है, जिसमें बिहार राज्य के करीब 940 करोड़ रुपये के सार्वजनिक धन का गबन शामिल था.इस मुलाकात को चुनावी विचारों के आधार पर उचित नहीं ठहराया जा सकता, क्योंकि श्री यादव न तो संसद सदस्य हैं और न ही वे उपराष्ट्रपति चुनाव के निर्वाचक मंडल में मतदान के लिए पात्र हैं.इसलिए यह मुलाकात किसी वैध राजनीतिक उद्देश्य को पूरा नहीं करती." 

बयान पर हस्ताक्षर करने वालों में पूर्व जज एसएम खांडेपारकर और अंबादास जोशी (बॉम्बे हाई कोर्ट), आरके मार्थिया (झारखंड हाई कोर्ट), देवेंद्र कुमार अहूजा (इलाहाबाद हाई कोर्ट), और पीएन रविंद्रन (केरल हाई कोर्ट) शामिल हैं.

सलवा जुदुम फैसले पर विवाद

हालांकि, इससे पहले, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रेड्डी के 2011 के सलवा जुदुम फैसले पर सवाल उठाए थे. इस फैसले में रेड्डी ने कहा था कि आदिवासी समुदायों के युवाओं को हथियार देकर उन्हें "विशेष पुलिस अधिकारी" बनाना "गैरकानूनी" और "असंवैधानिक" है. शाह ने दावा किया कि यह फैसला वामपंथी उग्रवाद के खिलाफ लड़ाई में बाधक बना.