उपराष्ट्रपति चुनाव में वोटिंग में किन तीन दलों ने नहीं लिया हिस्सा? जानें किसका गेम बनाएंगे किसका बिगाड़ेंगे?

बीआरएस ने सोमवार को यह भी घोषणा की कि वह चुनाव से दूर रहेगी. इस फैसले की जानकारी पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष केटी रामा राव ने दी, जिन्होंने कहा कि यह कदम किसानों की शिकायतों, खासकर तेलंगाना में यूरिया की कमी के कारण उठाया गया है.

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Mayank Tiwari

ओडिशा की बीजू जनता दल (BJD), पंजाब की शिरोमणि अकाली दल (एसएडी), और तेलंगाना की भारत राष्ट्र समिति (BRS) ने उपराष्ट्रपति चुनाव में हिस्सा न लेने का ऐलान किया है. इन दलों ने इस चुनाव में किसी भी समूह के साथ गठबंधन न करने का फैसला किया है.

विश्लेषकों का कहना है कि उनके इस फैसले से चुनाव के गणित पर कोई असर पड़ने की संभावना नहीं है, क्योंकि भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के उम्मीदवार, सीपी राधाकृष्णन, आसानी से जीत की ओर अग्रसर हैं.

बीजेडी ने मतदान से क्यों परहेज किया?

नवीन पटनायक के नेतृत्व वाली बीजेडी ने सोमवार को उपराष्ट्रपति चुनाव में मतदान न करने का फैसला किया. पार्टी ने अपनी लंबे समय से चली आ रही नीति का हवाला देते हुए कहा कि वह बीजेपी और कांग्रेस दोनों से समान दूरी बनाए रखेगी. यह फैसला पार्टी की राजनीतिक मामलों की समिति की बैठक में लिया गया. 

इस दौरान बीजेडी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद डॉ. सस्मित पात्रा ने कहा,  “पार्टी ने उपराष्ट्रपति चुनाव से दूर रहने का फैसला किया है... बीजेडी एनडीए और इंडी गठबंधन दोनों से समान दूरी बनाए रखता है. हमारा एकमात्र ध्यान ओडिशा के 4.5 करोड़ लोगों के विकास और कल्याण पर है.”2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेडी को कोई सीट नहीं मिली, लेकिन पार्टी के पास वर्तमान में सात राज्यसभा सांसद हैं.

BRS का फैसला: किसानों की समस्याएं बनी कारण

बीआरएस ने भी सोमवार को घोषणा की कि वह इस चुनाव में हिस्सा नहीं लेगी. पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष केटी रामा राव ने बताया कि यह फैसला तेलंगाना में यूरिया की कमी सहित किसानों की समस्याओं के विरोध में लिया गया है. बीआरएस के पास चार राज्यसभा सांसद हैं, लेकिन लोकसभा में उसका कोई प्रतिनिधित्व नहीं है.

शिरोमणि अकाली दल ने मतदान से क्यों परहेज किया?

शिरोमणि अकाली दल ने सोमवार शाम को घोषणा की कि वह उपराष्ट्रपति चुनाव से दूर रहेगी. पार्टी ने पंजाब में बाढ़ आपदा को इसका कारण बताया. एसएडी के पास केवल एक सांसद, हरसिमरत कौर, हैं, जो पार्टी अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल की पत्नी हैं और 2024 के लोकसभा चुनाव में बठिंडा से जीती थीं.

जानिए कौन हैं मुख्य दावेदार?

तीन दलों के चुनाव से हटने के बाद, अब उपराष्ट्रपति चुनाव में एनडीए के सीपी राधाकृष्णन और विपक्ष के बी सुदर्शन रेड्डी के बीच सीधा मुकाबला होगा. उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए निर्वाचक मंडल में 781 सदस्य शामिल हैं, जिनमें 542 निर्वाचित लोकसभा सदस्य और 239 राज्यसभा सदस्य (233 निर्वाचित और 12 मनोनीत, जिसमें दोनों सदनों में छह रिक्तियां हैं) हैं. सभी वोटों का मूल्य समान है और मतदान गुप्त होता है. जीत के लिए 391 वोटों का बहुमत आवश्यक है.

 उपराष्ट्रपति पद क्यों खाली हुआ?

उपराष्ट्रपति पद 21 जुलाई को जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद खाली हुआ था. उन्होंने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए संसद के मॉनसून सत्र के पहले दिन इस्तीफा दिया था.

क्या कहते हैं विश्लेषक?

राजनीतिक एक्सपर्ट का मानना है कि यह एक दिलचस्प मुकाबला होगा, हालांकि एनडीए की अपने संख्या बलों की ताकत दोनों सदनों में मजबूत है. फिर भी, क्रॉस-वोटिंग की संभावनाओं और आज शाम को आने वाले परिणामों पर सभी की नजरें टिकी हैं.